गोविंद देवजी मंदिर की ओर से संचालित एक वर्षीय डिप्लोमा पाठ्यक्रम जगदगुरु रामानंदाचार्य राजस्थान संस्कृत विश्विद्यालय की ओर से मान्यता प्राप्त है। यहां पौरोहित्य कर्मकांड और ज्योतिष की कक्षाएं पिछले करीब एक साल से चल रही हैं। यहां ज्योतिष में कुण्डली के आधार पर फलित सिखाया जा रहा है। इसी तरह वेद में पूजन पद्ति व दुर्गा पाठ सहित कई अन्य जानकारियां विद्यार्थियों को दी जा रही हैं।
मंदिर के प्रबंधक मानस गोस्वामी ने बताया कि कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण हुए लॉकडाउन में कक्षाएं नहीं लग पा रही थीं। ऐसे में विद्यार्थियों की पढ़ाई सुचारू रखने के लिए मंदिर प्रशासन ने निर्णय किया है कि अब कक्षाएं ऑनलाइन होंगी। ऑनलाइन कक्षाएं शुरू हो गई हैं। गौरतलब है कि इस साल अप्रेल में ही इनकी परीक्षाएं होनी थी। अब डॉ. प्रशांत शर्मा अपने घर से ही यू—ट्यूब के माध्यम से विद्यार्थियों को ज्योतिष और कर्मकाण्ड की पढ़ाई करा रहे हैं।
गौरतलब है कि ज्योतिष और कर्मकांड के कोर्स व्यावसायिक हैं। इन कोर्स को कर विद्यार्थी अपनी आजीविका कम सकते हैं और अपनी संस्कृति का प्रचार प्रसार कर सकते हैं।