लम्बा सफर तय करना है
इंग्लैंड के खिलाफ दो टेस्ट मैचों में 14 विकेट लेकर मैन ऑफ द सीरीज बने कमलेश ने कहा कि अभी अंडर-19 विश्व कप टीम में जगह बनाने के लिए लम्बा सफर तय करना होगा। उन्होंने बताया कि इसके लिए पहले वीनू मांकड़ ट्रॉफी, जोनल टूर्नामेंट और फिर चैलेंजर ट्रॉफी में बेहतर प्रदर्शन करना होगा। उसके बाद 15 खिलाडि़यों का चयन यूथ एशिया कप के लिए किया जाएगा। एशिया कप के प्रदर्शन के आधार पर ही भारतीय टीम चुनी जाएगी। कमलेश के अलावा राजस्थान के बल्लेबाज सलमान खान और लेग स्पिनर राहुल चाहर भी भारतीय टीम में जगह पाने के प्रबल दावेदार हैं। इन दोनों ने भी इंग्लैंड दौरे पर अपने प्रदर्शन से प्रभावित किया है।
इंग्लैंड के खिलाफ दो टेस्ट मैचों में 14 विकेट लेकर मैन ऑफ द सीरीज बने कमलेश ने कहा कि अभी अंडर-19 विश्व कप टीम में जगह बनाने के लिए लम्बा सफर तय करना होगा। उन्होंने बताया कि इसके लिए पहले वीनू मांकड़ ट्रॉफी, जोनल टूर्नामेंट और फिर चैलेंजर ट्रॉफी में बेहतर प्रदर्शन करना होगा। उसके बाद 15 खिलाडि़यों का चयन यूथ एशिया कप के लिए किया जाएगा। एशिया कप के प्रदर्शन के आधार पर ही भारतीय टीम चुनी जाएगी। कमलेश के अलावा राजस्थान के बल्लेबाज सलमान खान और लेग स्पिनर राहुल चाहर भी भारतीय टीम में जगह पाने के प्रबल दावेदार हैं। इन दोनों ने भी इंग्लैंड दौरे पर अपने प्रदर्शन से प्रभावित किया है।
हैट्रिक लेकर आए थे सुर्खियों में
इस वर्ष फरवरी में गुजरात के खिलाफ विजय हजारे ट्रॉफी वनडे टूर्नामेंट में हैट्रिक लेकर नागरकोठी सुर्खियों में आए थे। उनके इस प्रदर्शन से राजस्थान ने यह मुकाबला 14 रन से अपने नाम किया था। इसके बाद चयनकर्ताओं की नजर कमलेश पर पड़ी और उन्हें भारतीय अंडर-23 टीम के लिए चुन लिया गया। लेकिन इंग्लैंड दौरा कमलेश के करियर के लिए अहम रहा है।
इस वर्ष फरवरी में गुजरात के खिलाफ विजय हजारे ट्रॉफी वनडे टूर्नामेंट में हैट्रिक लेकर नागरकोठी सुर्खियों में आए थे। उनके इस प्रदर्शन से राजस्थान ने यह मुकाबला 14 रन से अपने नाम किया था। इसके बाद चयनकर्ताओं की नजर कमलेश पर पड़ी और उन्हें भारतीय अंडर-23 टीम के लिए चुन लिया गया। लेकिन इंग्लैंड दौरा कमलेश के करियर के लिए अहम रहा है।
सफलता का श्रेय कोच को
गुलाबीनगर स्थित संस्कार एकेडमी के खिलाड़ी कमलेश ने अपनी सफलता का श्रेय कोच सुरेन्द्र सिंह को भी दिया। कमलेश ने कहा, कोच ने हमेशा मुझे प्रोत्साहित किया है। उन्होंने मुझे हमेशा यही सिखाया है कि एक मैच में किया गया शानदार प्रदर्शन आपके करियर को लम्बा नहीं खींच सकता, निरंतर बेहतर प्रदर्शन करने के लिए कड़ी मेहनत जारी रखनी होगी। कमलेश ने कहा, एक मीडियम पेसर के लिए स्पीड जरूरी है और अगर उसे गेंद को स्विंग कराने की कला आती है तो यह बल्लेबाज को परेशान करने के लिए काफी है। अपने कोच की टिप्स को ध्यान में रखते हुए ही मैं मैच में गेंदबाजी करता हूं। कमलेश का जन्म 28 दिसंबर 1999 काे राजस्थान के बाड़मेर में हुआ था।
गुलाबीनगर स्थित संस्कार एकेडमी के खिलाड़ी कमलेश ने अपनी सफलता का श्रेय कोच सुरेन्द्र सिंह को भी दिया। कमलेश ने कहा, कोच ने हमेशा मुझे प्रोत्साहित किया है। उन्होंने मुझे हमेशा यही सिखाया है कि एक मैच में किया गया शानदार प्रदर्शन आपके करियर को लम्बा नहीं खींच सकता, निरंतर बेहतर प्रदर्शन करने के लिए कड़ी मेहनत जारी रखनी होगी। कमलेश ने कहा, एक मीडियम पेसर के लिए स्पीड जरूरी है और अगर उसे गेंद को स्विंग कराने की कला आती है तो यह बल्लेबाज को परेशान करने के लिए काफी है। अपने कोच की टिप्स को ध्यान में रखते हुए ही मैं मैच में गेंदबाजी करता हूं। कमलेश का जन्म 28 दिसंबर 1999 काे राजस्थान के बाड़मेर में हुआ था।