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यहां पानी के आरक्षण पर खिंच रही रार!

locationजयपुरPublished: Oct 18, 2019 01:27:48 pm

Submitted by:

Bhavnesh Gupta

हर व्यक्ति को मिलेगा 55 लीटर पानी हर दिन
अभी तक 40 लीटर पानी ही मिल रहा है
प्रति व्यक्ति 15 लीटर अतिरिक्त पानी की कारनी है व्यवस्था
जलदाय विभाग ने जल संसाधन विभाग से मांगा बांध में पानी का अतिरिक्त आरक्षण

अब पानी के आरक्षण पर खिंच रही रार!

अब पानी के आरक्षण पर खिंच रही रार!

जयपुर। एक व्यक्ति के लिए पानी की जरूरत 40 लीटर से बढ़कर अब 55 लीटर प्रतिदिन हो गई है। इसी आधार पर जलशक्ति मंत्रालय ने राज्यों को जल जीवन मिशन मुहिम से जोड़ भी दिया लेकिन राजधानी जयपुर समेत राज्य में अभी तक प्रति व्यक्ति 15 लीटर अतिरिक्त पानी की व्यवस्था पर ही रार खींची हुई है। जलदाय विभाग को अभी बांधों व अन्य जल स्त्रोतों से प्रति व्यक्ति चालीस लीटर के आधार पर पानी मिल रहा है। जबकि, जल जीवन मिशन के तहत इसे 55 लीटर करना है। इसके लिए जल संसाधन विभाग को जलदाय विभाग के लिए अतिरिक्त पानी का आरक्षण करना होगा। जलदाय विभाग ने मुख्य सचिव तक यह मामला पहुंचा दिया है। इसके अलावा रेगिस्तानी इलाकों में प्रति व्यक्ति पानी की मात्रा 85 लीटर हो जाएगी। यहां पहले से 70 लीटर प्रति व्यक्ति पानी देना तय किया हुआ है। इस बीच जलशक्ति मंत्रालय ने राज्य सरकार को साफ कर दिया है कि हर घर तक पेयजल लाइन पहुंचाने का काम न केवल जल्द शुरू हो, बल्कि निर्धारित मियाद में पूरा किया जाए। इस मामले में अब मुख्य सचिव सीधे मॉनिटरिंग कर रहे हैं।
21 प्रोजेक्ट, 7.6 लाख मकान शामिल

जल जीवन मिशन के तहत अगले 6 माह के लिए 21 प्रोजेक्ट को चिन्हित किया है, जिसमें 7.6 लाख घर शामिल हैं। इस वित्तीय वर्ष में दो लाख घरों को पेयजल लाइन से जोड़ने पर काम शुरू होगा। इनमें कई प्रोजेक्ट ऐसे भी हैं जो अभी संचालित हैं और इन्हें भी जल जीवन मिशन से ही जोड़ा जा रहा है। इसमें 3222 करोड़ लागत के 21 प्रोजेक्ट हैं, जिन पर इस वित्तीय वर्ष में 645 करोड़ रुपए खर्च होंगे
सरकार से चाह रहे छूट

केन्द्र सरकार का लगातार दबाव और राज्य सरकार द्वारा समय निर्धारित करने के बाद जलदाय विभाग के अफसर चिंता में है। इसीलिए कई तरह की छूट चाह रहे हैं। इसमें बांध व अन्य जल स्त्रोतों में पानी का आरक्षण बढ़ाने की मंजूरी कैबिनेट की बजाय जलदाय मंत्री या फिर मुख्य सचिव स्तर पर ही मिल जाए। इसके लिए मध्यप्रदेश व अन्य राज्यों का हवाला भी दिया है। इसके अलावा इस मुहिम से जुड़ी स्वीकृतियां भी मुख्य सचिव स्तर पर हो।
मॉनिटरिंग की 3 कमेटी की रहेगी नजर..

1. स्टेट वाटर एण्ड सेनिटेशन मिशन : डब्ल्यूएसएसओ के तहत यह कमेटी काम कर रही है। यह नोडल एजेंसी की भूमिका में होगी। राज्यभर में प्रोजेक्ट बनाना, उसकी लागत आकलन से लेकर काम की काम की उपयोगिता की मॉनिटरिंग।
2. डिस्ट्रीक्ट वाटर एण्ड सेनिटेशन मिशन : जिला कलक्टर के नेतृत्व में काम होगा। इसमें जलदाय विभाग के अफसर, संबंधित जनप्रतिनिधि शामिल होंगे।

3. डिस्ट्रीक्ट वाटर एण्ड सेनिटेशन कमेटी : जिला प्रमुख की अध्यक्षता में कमेटी का संचालन होगा। इसमें शामिल सभी की जिम्मेदारी तय की जाएगी।
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