-रेलवे ने की थी घोषणा आपको बतादें कि प्लास्टिक कचरे की जगह पर्यावरण मित्र के रूप में सामने आने वाली इन बोतलों को देश भर के स्टेशनों में नए साल से लागू किया जाएगा। इसी साल गांधी जयंती पर आइआरसीटीसी ने प्लास्टिक बोतलों की जगह बायोडिग्रेडेबल बोतलों को शुरू करने की घोषणा अपने ट्विटर अकाउंट पर की थी।
-कम होगा बोतलों का प्रदूषण आइआरसीटीसी के देश भर में अभी 10 प्लांट हैं, इनसे करीब 11 लाख लीटर पानी की सप्लाई होती है। फिलहाल रेलनीर की बोतलें प्लास्टिक की थीं अब मुंबई स्थित प्लांट में बायोडिग्रेडेबल बोतलें बन रही हैं, इन्हें जल्द ही हापुड़ प्लांट के बरेली जंक्शन समेत कई स्टेशनों पर लागू किया जाएगा। यानी, पूरी तरह बायोडिग्रेडेबल बोतल लागू होने के बाद पर्यावरण में करीब 11 लाख प्लास्टिक की बोतल कम होने की उम्मीद है। हापुड़ स्थित प्लांट से रेल नीर हर दिन बरेली, कानपुर, गाजियाबाद, शाहजहांपुर जैसे स्टेशनों पर सप्लाई होती है।
जानकारी के अनुसार, इसके अलावा देश भर में 9 अन्य प्लांट हैं, साल 2021 तक चार अन्य प्लांट शुरू करने की योजना है जिसकी अनुमति भी मिल चुकी है। बतादें कि दिल्ली से लखनऊ के बीच चलने वाली देश की पहली प्राइवेट ट्रेन यानी तेजस एक्सप्रेस में बायोडिग्रेडेबल बोतलों को पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर चलाया जा चुका है। अब इन बोतलों को व्यापक स्तर पर शुरू किया जाएगा। प्लांट पर पुरानी प्लास्टिक की बोतलें खत्म होने के बाद बायोडिग्रेडेबल बोतलों में रेलनीर की पैकेजिंग होगी।