scriptअब यूट्यूब के जरिए लाइव क्लास लेंगे टीचर्स | Now teachers will take live classes through YouTube | Patrika News

अब यूट्यूब के जरिए लाइव क्लास लेंगे टीचर्स

locationजयपुरPublished: Nov 25, 2020 05:29:48 pm

Submitted by:

Rakhi Hajela

सरकारी स्कूलों में पढ़ाई के लिए नई कवायदसंयुक्त अभिभावक संघ ने कहा,बिना स्मार्ट फोन बच्चे कैसे करेंगे क्लास अटेंड

अब यूट्यूब के जरिए लाइव क्लास लेंगे टीचर्स

अब यूट्यूब के जरिए लाइव क्लास लेंगे टीचर्स

पिछले नौ माह से बंद पड़े स्कूलों के कारण बच्चों की पढ़ाई खराब नहीं हो इसको ध्यान में रखते हुए सरकार ने एक नई पहल की है। अब तक बच्चों को पढ़ाई का कंटेन्ट व्हाट्सएप और यूट्यूब लिंक के माध्यम से उपलब्ध करवाया जा रहा था लेकिन अब बच्चे यूट्यूब ई प्रोजक्ट के माध्यम से लाइव पढ़ाई कर सकेंगे। शिक्षा राज्य मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने बताया कि प्रदेश के शिक्षा विभाग ने इसकी शुरुआत कर दी है। अब यूट्यूब के माध्यम से 12वीं कक्षा तक के विद्यार्थी यूट्यूब पर अपने शिक्षकों से लाइव जुड़ सकेंगे। खास बात यह है कि इस प्रोजक्ट के माध्यम से न केवल बच्चे पढ़ाई कर सकेंगे, बल्कि वह अपनी किसी भी क्वेरी कोई भी समस्या या सवाल क्लास के दौरान ही पूछ कर उसका समाधान भी प्राप्त कर सकेंगे। यह पढ़ाई ठीक उसी तरह से होगी जैसे स्कूल में क्लास में टीचर विद्यार्थियों को पढ़ाते हैं। इस प्रक्रिया के दौरान बच्चों को एनसीईआरटी का सिलेबस पढ़ाया जाएगा। इस प्रोजेक्ट की खास बात यह है कि न केवल प्रदेश बल्कि पूरे देश के बच्चे इससे जुड़ सकेंगे। गौरतलब है कि कोविड 19 के कारण बच्चों की पढ़ाई प्रभावित नहीं हो, इसलिए सरकार ने ई कक्षा प्रोजेक्ट शुरू किया है। जिसमें कक्षा 6 से लेकर 12वीं तक के सभी विषयों के वीडियो बना कर डाले गए हैं। वहीं स्कूलों को निर्देश दिए गए हैं कि वह इस बात का ध्यान रखें कि अधिक से अधिक बच्चे इससे जुड़ सकें।
व्यवस्था सुनिश्चित करे सरकार
सरकार की ओर से लॉन्च की गई ई क्लास का संयुक्त अभिभावक संघ ने स्वागत किया है लेकिन अपने कुछ संशय को लेकर उन्होंने सरकार से सवाल भी किए। संघ के प्रवक्ता अभिषेक जैन बिट्टू, संघ कोषाध्यक्ष सर्वेश मिश्रा और संगठन मंत्री चन्द्रमोहन गुप्ता ने कहा कि राज्य सरकार ने कक्षा 6 से 12 तक के बच्चे को लिए यूट्यूब के माध्यम से ई.क्लास लॉन्च की है जो वर्तमान स्थिति को देखकर उचित निर्णय तो हो सकता है लेकिन यह व्यवस्था बच्चों तक कैसे सुनिश्चित की जाएगी उसकी जानकारी नहीं दी गई है। आबादी के 30 फीसदी बच्चों तक पहले ही शिक्षा कोसों दूर है और जो बच्चे सरकारी स्कूलों और ग्रामीण क्षेत्रों में पढ़ रहे हैं उनके अभिभावकों के पास स्मार्ट फोन नहीं है, ऐसी स्थिति में बच्चों को कैसे शिक्षा प्राप्त होगी।
देश में इंटरनेट की स्थिति दयनीय है जयपुर जैसे शहरों में ही इंटरनेट की व्यवस्था बहुत जटिल है तो हम गांवों और ढाणियों तक शिक्षा पहुंचाने की बात कर रहे हैं जो बेहद जटिल परिस्थिति है। ई.क्लास को लॉन्च करने के साथ साथ राज्य सरकार को गरीब बच्चों और उनके अभिभावकों पर भी ध्यान देना चाहिए जो पढ़ाई तो चाहते हैं लेकिन व्यवस्था ना होने के चलते निराशा झेलने पर मजबूर हो जाते हैं। अगर राज्य सरकार पहल करें तो सभी गरीब बच्चों को पढ़ाई के लिए नि:शुल्क टेब उपलब्ध करवाने चाहिए।
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