scriptअब बालगृहों में भी शुरु होगा ‘स्कील डवलपमेंट प्रोग्राम’ | Now the childhood will start in the development program | Patrika News

अब बालगृहों में भी शुरु होगा ‘स्कील डवलपमेंट प्रोग्राम’

locationजयपुरPublished: Jun 04, 2018 12:44:29 pm

Submitted by:

Teena Bairagi

—समाज की मुख्यधारा से जोड़ने की पहल

Jose Kurien

Jose Kurien

—समाज की मुख्यधारा से जोड़ने की पहल
जयपुर
राज्य सरकार ने बालगृह में रहने वाले मासूमों के लिए अलग—अलग तरह के कौशल प्रशिक्षण देने का निर्णय लिया है। जिसके दम पर बच्चे बालिग होने पर रोजगार कर सकेंगे। इसके लिए पिछले महीने कुछ एनजीओ से सरकार को सुझाव प्राप्त हुए थे जिसमें बाल गृहों में न सिर्फ विभिन्न प्रशिक्षण दिए जाने के सुझाव थे बल्कि बच्चों की रुचि के हिसाब से उन्हें मनोरंजन उपलब्ध कराना भी शामिल था।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग ने बाल गृहों में प्रशिक्षण शुरु करने की पहल को सराहनीय कदम बताया और इसके लिए पंजीकृत संस्थाओं को आगे आने को कहा है। यदि बाल गृहों के भीतर विभिन्न तरह के प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरु होते है तो इससे मासूम बच्चे दो वक्त का भोजन करने के बाद थोड़ा खेलने व नींद निकालने तक ही सीमित नहीं होंगे। बल्कि उन्हें भी हुनर के दम पर अपना जीवन संवारने का अवसर मिल सकेगा। और वे भी समाज की मुख्यधारा में शामिल हो सकेंगे। हाल ही में बाल आयोग ने भी पंजीकृत संस्थाओं और बाल गृहों के भीतर रहने वाले 14 से 18 साल के बच्चों से मिलकर उनसे बात करने का निर्णय लिया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग सभी बाल गृहों में रहने वाले बच्चों को उनकी रुचि के आधार पर स्कील डवलपमेंट के प्रोग्राम से जोड़ने की तैयारी कर रहा है। इन प्रोग्राम में हथकरघा काम को प्रमुखता दी जाएगी। जो इन्हें रोजगार दिला सके। इसमें कम्प्यूटर कोर्स के अलावा, ब्यूटी पार्लर, सिलाई, कढ़ाई और बुनाई जैसे कामों को शामिल किया जाएगा। विभाग की मानें तो प्रशिक्षण देने के पीछे विभाग का मकसद यहां रहने वाले बच्चों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ना है।
उल्लेखनीय है कि प्रदेशभर के बाल गृहों में फिलहाल लगभग 20 हजार निराश्रित व बाल अपचारी श्रेणी के बच्चे रहते है।
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