scriptनिकाय प्रमुखों के चुनाव पर गहलोत सरकार का यू टर्न, अपने ही फैसले को पलटा | Now the election of the mayor-chairman will not be done directly | Patrika News

निकाय प्रमुखों के चुनाव पर गहलोत सरकार का यू टर्न, अपने ही फैसले को पलटा

locationजयपुरPublished: Oct 14, 2019 04:54:17 pm

Submitted by:

firoz shaifi

अब अप्रत्यक्ष होंगे निकाय प्रमुखों के चुनाव, पार्षद चुनेंगे महापौर-सभापति, गहलोत सरकार ने अपने ही फैसले को पलटा, कैबिनेट की बैठक में लिया गया फैसला

Secretariat

Secretariat

जयपुर। निकाय प्रमुखों के चुनाव को लेकर गहलोत सरकार ने यू टर्न लेते हुए सोमवार को अपने ही फैसले को पलट दिया है। राज्य सरकार ने निकाय के प्रमुखों के चुनाव सीधे न कराकर अप्रत्यक्ष तौर से कराने का फैसला लिया है।
सोमवार को सीएमओ में हुई कैबिनेट की बैठक में यह फैसला लिया है। माना जा रहा है सरकार कैबिनेट से पास हुए प्रस्ताव को मंजूरी के लिए राज्यपाल के भेजेगी। राज्यपाल से मंजूरी के बाद अधिसूचना जारी की जाएगी।
दरअसल आगामी नवंबर माह में 6 नगर निगम समेत 52 निकायों में चुनाव होंने हैं। हालांकि सरकार के इस फैसले के बाद विपक्ष हमलावर की भूमिका में है।


वहीं कैबिनेट की बैठक के बाद यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि पार्षदों और पूर्व पार्षदों से मिले फीडबैक के बाद सरकार ने अप्रत्यक्ष चुनाव कराने का निर्णय लिया है।
पूर्व पार्षदों और पार्षद का चुनाव लड़े वाले लोगों का कहना है कि अगर सीधे चुनाव कराए तो मेयर हमारा द्वारा नहीं चुना गया और जनता के द्वारा चुना गया तो वो हमारा काम नहीं करेगा और कहेगा कि मैं जनता के द्वारा चुना गया हूं।
धारीवाल ने कहा कि इससे पार्षद अपने आपको कमजोर महसूस करते हैं और आम जनता भी ये चाहती है कि हम जो काम बताएं पार्षद वो काम करें।


घोषणा पत्र में किया था वादा
दरअसल विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में यह वादा किया था कि अगर वो सत्ता में आए तो महापौर और सभापतियों का सीधा चुनाव कराएंगे।
सत्ता में आने के बाद गहलोत सरकार ने एक्ट में संशोधन कर विधानसभा सत्र में सीधे चुनाव कराए जाने की घोषणा की, लेकिन बदले हालातों और पार्टी के अंदर नेताओं और कार्यकर्ताओं की ओर से सीधे चुनाव नहीं कराने की मांग जोरों से की जा रही थी।

धारीवाल को दिया था जिम्मा
पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं की ओर से सीधे चुनाव नहीं कराने की मांग के बाद गहलोत सरकार ने महापौर, सभापति चुनाव में फैसला लेने के लिए यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल की अध्यक्षता में कमेटी गठित की थी, पिछले एक माह से धारीवाल प्रदेश भर से इस बारे में फीडबैक ले रहे थे। उसके बाद शनिवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और धारीवाल की लंबी मंत्रणा हुई थी।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो