प्रकाश कुमावत…जयपुर
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोमवार को कोविड 19 महामारी से बचाव के लिए विशेष जनजागरुकता अभियान की वर्चुअल लॉन्चिंग की। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कड़े कदम उठाने के संकेत दिए। उन्होंने शहरी क्षेत्र के गरीबों को रियायती दर पर पौष्टिक भोजना उपलब्ध कराने के लिए इंदिरा रसोई योजना की घोषणा के साथ ही कोरोना महामारी को रोकने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की जानकारी देते हुए केन्द्र सरकार को भी आड़े हाथों लिया।
इस अभियान का लक्ष्य कोरोना से बचाव के उपायों के जरिए कोरोना संक्रमण से रिकवरी की दर अधिक तेजी से बढ़ाना तथा मृत्यु दर निरंतर कम करना है। इस लॉन्चिंग में जिला प्रभारी मंत्री, प्रभारी सचिव, जिला कलेक्टर एवं अन्य जिला स्तरीय अधिकारी शामिल हुए।
गहलोत ने कहा कि कोरोना से जंग के लिए सरकार पूरी तरह से तैयार है। सरकार इन्फ्रास्ट्रक्चर को और मजबूत कर रही है। प्रदेश में सैम्पलिंग की संख्या बढाई है। हम जल्द 40 हज़ार टेस्ट रोज़ कर सकेंगे। अब हम पड़ोसी राज्यों को 5 हज़ार टेस्ट की सुविधा दे सकते हैं। प्राईवेट अस्पतालों को इलाज के लिए पाबन्द किया है।
मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि सरकार गरीबों को भोजन देने के लिए प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में इंदिरा रसोई योजना शुरु करेगी। ‘कोई भूखा ना सोए’ इस संकल्प को साकार करने के लिए इस योजना पर प्रति वर्ष 100 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। इसके तहत जरूरतमंद लोगों को दो समय का शुद्ध पौष्टिक भोजन रियायती दर से उपलब्ध कराया जाएगा। इस योजना के तहत स्थानीय एनजीओ की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी एवं सूचना प्रौद्योगिकी की सहायता से प्रभावी मॉनिटरिंग होगी।
केन्द्र को लिया आड़े हाथ
सीएम गहलोत ने केन्द्र सरकार को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि केंद्र ने दो साल तक एमपी फंड ख़त्म कर दिया, हमने एमएलए फंड को ख़त्म नहीं किया हैं। कोविड-19 कोष में अब तक 600 करोड़ रूपए जमा हो चुके हैं। राज्य सरकार ने कोरोना काल में आमजन को कोई कमी नहीं आने दी न ही आने देगी।
प्रदेश ने देश के सामने मिसाल पेश की है। भीलवाड़ा मॉडल की देशभर में सराहना हुई है।
– प्रदेश में रिकवरी रेट सबसे ज़्यादा, मृत्यु दर सबसे कम है।
— सरकार ने पेंशनर्स को बड़ी राहत दी है।
– ज़रूरतमंदों तक अनाज का वितरण किया है।
– श्रमिकों के खातों में सीधे पैसे डाले गए हैं।
– स्वास्थ्यकर्मियों-पुलिस-हेल्थ वर्कर्स ने निभाई है सराहनीय भूमिका।
– प्राईवेट अस्पतालों को इलाज के लिए किया पाबन्द
– कोरोना वारियर्स को 50 लाख का बीमा कवर दिया गया, चाहे सरकारी कर्मचारी हो या संविदा कर्मचारी
– 25 करोड़ की राशि अलग रख दी
– सरकार दे रही रोज़गार के अवसर, श्रमिकों को दिया जा रहा रोज़गार
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