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जयपुर

अब कागजों में नहीं वायवा लेने के बाद आॅनलाइल ही देने होंगे नम्बर

आॅनलाइन रेंडमली सिलेक्ट होंगे राजस्थान विश्वविद्यालय में वायवा लेने वाले शिक्षक

जयपुरJul 21, 2018 / 01:41 pm

HIMANSHU SHARMA

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जयपुर
राजस्थान विश्वविद्यालय ने वायवा परीक्ष्राओं की प्रक्रिया में बड़ा बदलाव किया है। इस बदलाव के तहत अब विश्वविद्यालय में वायवा परीक्षा लेने आने वाले शिक्षक को कागजों की शीट पर नम्बर देने की परम्परा को खत्म कर दिया हैं। नई प्रक्रिया के तहत अब वायवा लेने के तुरंत बाद ही वीक्षक को परीक्षार्थियों के नम्बर आॅनलाइन भेजने होंगे। इससे पहले वीक्षक एक सादा कागज पर नम्बर लिख कर उन्हें शीट में चढ़ाता था जिसमें कई बार विद्यार्थी अपने नम्बर बदलवा लेते थे। लेकिन वीक्षक के नम्बरों में हेर फेर की शिकायत आने के बाद अब विश्वविद्यालय ने नई व्यवस्था शुरू की है जिसके तहत अब वायवा लेने के तुरंत बाद ही वीक्षक को नम्बर आॅनलाइन प्रविष्ट करने होेंगे। इस व्यवस्था की खास बात यह होगी कि एक बार नंबर आॅनलाइन अपलोड किए जाने के बाद इसमें कोई बदलाव भी नहीं किया जा सकेगा।
मोबाइल पर आएगा ओटीपी
राजस्थान विश्वविद्यालय में पहले किसी भी विषय का वायवा लेने कौन शिक्षक आ रहा है इसके बारे में डिपार्टमेंट हैड या प्रिंसीपल को पता रहता था। क्योकि वायवा लेने एक ही शिक्षक को आना होता था। लेकिन विश्वविद्यालय ने अब इस व्यवस्था को भी बदल दिया है। अब विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से तीन शिक्षकों को वायवा लेने के लिए चुना जाएगा। जिनमें से परीक्षा लेने के किसी एक का रेंडमली सिलेक्शन किया जाएगा। अगर किसी भी कारण से वीक्षक आने में असमर्थ रहता है तो विश्वविद्यालय को उसे आॅनलाइन ही सूचित करना होगा। वीक्षक के मोबाइल पर कब और कहां परीक्षा लेने जाना है इसका मैसेज जाएगा। जिसके बाद वीक्षक को आॅनलाइन ही स्वीकरति देनी होगी। इसके लिए वीक्षक के मोबाइल पर ओटीपी आएगा जिसके बाद वह लॉगिन कर अपनी सहमति दे सकेगा। इससे पहले डिपार्टमेंट हैड और प्रिंसीपल ऐसे वीक्षक जिससे उनकी पटरी मेल नहीं खाती थी ऐसे वीक्षक के लिए खुद ही मना कर देते थे कि वह आने में असमर्थ है। लेकिन अब वह ऐसा नहीं कर सकेंगे। क्योकि वीक्षक के मोबाइल पर आने वाले ओटीपी के माध्यम से लॉगिन कर कारण बताते हुए स्वयं ही समर्थता और असमर्थता जता सकेंगे।

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