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परिवहन अर्थशास्त्री सुधारेंगे ट्रेफिक-ट्रांसपोर्ट की बदहाली

locationजयपुरPublished: Nov 28, 2019 02:50:57 pm

Submitted by:

Bhavnesh Gupta

सरकार ने शुरू किया काम…12 प्रतिशत की दर से बढ़ रहा सड़क पर बोझ

ट्रेफिक-ट्रांसपोर्ट सुधारने के लिए अब परिवहन अर्थशास्त्री

ट्रेफिक-ट्रांसपोर्ट सुधारने के लिए अब परिवहन अर्थशास्त्री

भवनेश गुप्ता / जयपुर। बेलगाम दौड़ते वाहनों के बीच सड़क पर सुरक्षित गुजरना अब किसी चुनौती से कम नहीं है। शहर की सड़कों पर हर साल 12 फीसदी की दर से वाहन दबाव बढ़ रहा है और इसमें 96 फीसदी वाहन दुर्घटना चालक के कारण ही हो रही है। जख्मी जनता की परेशानी बढ़ती तो अफसरों की भी नींद खुली। एेसे हालात से निजात पाने के लिए अब ट्रेफिक और ट्रांसपोर्ट (परिवहन) मास्टर प्लान लागू होगा। इसमें परिवहन अर्थशास्त्री, ट्रांपोर्टर प्लानर, ट्रैफिक इंजीनियर सहित कई एक्सपर्ट्स जुड़ेंगे। सड़क-यातायात व्यवस्था में सुधार, फेरबदल, परिवहन व्यवस्था, सड़कों पर वाहन की औसतन स्पीड, एक स्थान से दूसरी जगह पहुंचने में लगने वाला समय, लोगों को सड़क दुर्घटनाओं से बचाने पर काम होगा। राज्य सरकार के निर्देश पर जेडीए ने इसकी तैयारी कर ली है।
इस तरह बढ़ेंगे आगे

-शहरी परिवहन सेवा का मूल्यांकन कर उसमें सुधार होगा।
-परिवहन डिमांड मॉडल विकसित होगा, जिससे भविष्य की जरूरतों को तत्काल पूरा किया जा सके।
-धार्मिक, सामाजिक आयोजनों के दौरान ट्रेफिक संचालन व्यवस्था। वैकल्पिक रूट तलाशना।
-घर में सदस्यों की संख्या और इनमें से कौन व्यक्ति कौनसा परिवहन साधन उपयोग कर रहा है। इस आधार पर परिवहन साधन विकसित होंगे।
-पार्किंग सर्वे कर ज्यादा से ज्यादा पार्किंग स्थल विकसित करने की जगह तलाशी जाएगी।
-नेशनल हाइवे, राजमार्ग, मुख्य सड़कों से लेकर कॉलोनियों की सड़कों को इंटरकनेक्ट करने पर काम।
-औसत वाहन स्पीड। किस रूट पर कितने वाहन दौड़ रहे, उस आधार पर सड़क का निर्माण।
-मास्टर प्लान में भू-उपयोग के तहत वहां परिवहन, व्यावसायिक, आवासीय, कृषि सहित अन्य सुविधाओं का आकलन।
-मिनी बस, सार्वजनिक परिवहन, टैक्सी व अन्य परिवहन साधकों को एक-दूसरे से लिंक करना।
-थड़ी-ठेले वालों के लिए अलग से वेंडर जोन, जिससे यातायात अवागन में बाधक नहीं बने।
-भूमिगत डक्टिंग का निर्माण, जिससे बार-बार सड़क खुदाई से यातायात बाधित नहीं हो। ऐसी यातायात दबाव वाले इलाके तलाशे जा रहे हैं।
-ट्रेफिक बाधाओं को दूर करने के लिए नई तकनीक की जानकारी।
-मिसिंग लिंक को खत्म कर एक-इलाके को दूसरे इलाके से जोडऩा। दो इलाकों की दूरी कम होगी तो यातायात जाम नहीं होगा।
-शहर में कहां रेलवे ओवरब्रिज, फ्लाईओवर की जरूरत।
-प्रीपेड-पोस्टपेड टैक्सी बूथ।
-सुगत यातायात में बाधक विवाह स्थलों का चिन्हिकरण।
इनका भी होगा साथ
-ट्रांसपोर्टेशन प्लानर-ट्रांसपोर्ट मॉडलर
-हाईवे रोड इंजीनियर-ट्रेफिक इंजीनियर
-परिवहन अर्थशास्त्री-सार्वजनिक परिवहन विशेषज्ञ
-शहरी नियोजक-सिस्टम एनालिस्ट

अभी परिवहन की यह है स्थिति
सार्वजनिक परिवहन- 22 प्रतिशत
टैक्सी/कैब- 12 प्रतिशत
चौपहिया- 8 प्रतिशत
दोपहिया- 31 प्रतिशत
राहगीर व साइकिल- 27 प्रतिशत
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