इस तरह बढ़ेंगे आगे -शहरी परिवहन सेवा का मूल्यांकन कर उसमें सुधार होगा।
-परिवहन डिमांड मॉडल विकसित होगा, जिससे भविष्य की जरूरतों को तत्काल पूरा किया जा सके।
-धार्मिक, सामाजिक आयोजनों के दौरान ट्रेफिक संचालन व्यवस्था। वैकल्पिक रूट तलाशना।
-घर में सदस्यों की संख्या और इनमें से कौन व्यक्ति कौनसा परिवहन साधन उपयोग कर रहा है। इस आधार पर परिवहन साधन विकसित होंगे।
-पार्किंग सर्वे कर ज्यादा से ज्यादा पार्किंग स्थल विकसित करने की जगह तलाशी जाएगी।
-नेशनल हाइवे, राजमार्ग, मुख्य सड़कों से लेकर कॉलोनियों की सड़कों को इंटरकनेक्ट करने पर काम।
-औसत वाहन स्पीड। किस रूट पर कितने वाहन दौड़ रहे, उस आधार पर सड़क का निर्माण।
-मास्टर प्लान में भू-उपयोग के तहत वहां परिवहन, व्यावसायिक, आवासीय, कृषि सहित अन्य सुविधाओं का आकलन।
-मिनी बस, सार्वजनिक परिवहन, टैक्सी व अन्य परिवहन साधकों को एक-दूसरे से लिंक करना।
-थड़ी-ठेले वालों के लिए अलग से वेंडर जोन, जिससे यातायात अवागन में बाधक नहीं बने।
-भूमिगत डक्टिंग का निर्माण, जिससे बार-बार सड़क खुदाई से यातायात बाधित नहीं हो। ऐसी यातायात दबाव वाले इलाके तलाशे जा रहे हैं।
-ट्रेफिक बाधाओं को दूर करने के लिए नई तकनीक की जानकारी।
-मिसिंग लिंक को खत्म कर एक-इलाके को दूसरे इलाके से जोडऩा। दो इलाकों की दूरी कम होगी तो यातायात जाम नहीं होगा।
-शहर में कहां रेलवे ओवरब्रिज, फ्लाईओवर की जरूरत।
-प्रीपेड-पोस्टपेड टैक्सी बूथ।
-सुगत यातायात में बाधक विवाह स्थलों का चिन्हिकरण।
-परिवहन डिमांड मॉडल विकसित होगा, जिससे भविष्य की जरूरतों को तत्काल पूरा किया जा सके।
-धार्मिक, सामाजिक आयोजनों के दौरान ट्रेफिक संचालन व्यवस्था। वैकल्पिक रूट तलाशना।
-घर में सदस्यों की संख्या और इनमें से कौन व्यक्ति कौनसा परिवहन साधन उपयोग कर रहा है। इस आधार पर परिवहन साधन विकसित होंगे।
-पार्किंग सर्वे कर ज्यादा से ज्यादा पार्किंग स्थल विकसित करने की जगह तलाशी जाएगी।
-नेशनल हाइवे, राजमार्ग, मुख्य सड़कों से लेकर कॉलोनियों की सड़कों को इंटरकनेक्ट करने पर काम।
-औसत वाहन स्पीड। किस रूट पर कितने वाहन दौड़ रहे, उस आधार पर सड़क का निर्माण।
-मास्टर प्लान में भू-उपयोग के तहत वहां परिवहन, व्यावसायिक, आवासीय, कृषि सहित अन्य सुविधाओं का आकलन।
-मिनी बस, सार्वजनिक परिवहन, टैक्सी व अन्य परिवहन साधकों को एक-दूसरे से लिंक करना।
-थड़ी-ठेले वालों के लिए अलग से वेंडर जोन, जिससे यातायात अवागन में बाधक नहीं बने।
-भूमिगत डक्टिंग का निर्माण, जिससे बार-बार सड़क खुदाई से यातायात बाधित नहीं हो। ऐसी यातायात दबाव वाले इलाके तलाशे जा रहे हैं।
-ट्रेफिक बाधाओं को दूर करने के लिए नई तकनीक की जानकारी।
-मिसिंग लिंक को खत्म कर एक-इलाके को दूसरे इलाके से जोडऩा। दो इलाकों की दूरी कम होगी तो यातायात जाम नहीं होगा।
-शहर में कहां रेलवे ओवरब्रिज, फ्लाईओवर की जरूरत।
-प्रीपेड-पोस्टपेड टैक्सी बूथ।
-सुगत यातायात में बाधक विवाह स्थलों का चिन्हिकरण।
इनका भी होगा साथ
-ट्रांसपोर्टेशन प्लानर-ट्रांसपोर्ट मॉडलर
-हाईवे रोड इंजीनियर-ट्रेफिक इंजीनियर
-परिवहन अर्थशास्त्री-सार्वजनिक परिवहन विशेषज्ञ
-शहरी नियोजक-सिस्टम एनालिस्ट अभी परिवहन की यह है स्थिति
सार्वजनिक परिवहन- 22 प्रतिशत
टैक्सी/कैब- 12 प्रतिशत
चौपहिया- 8 प्रतिशत
दोपहिया- 31 प्रतिशत
राहगीर व साइकिल- 27 प्रतिशत
-ट्रांसपोर्टेशन प्लानर-ट्रांसपोर्ट मॉडलर
-हाईवे रोड इंजीनियर-ट्रेफिक इंजीनियर
-परिवहन अर्थशास्त्री-सार्वजनिक परिवहन विशेषज्ञ
-शहरी नियोजक-सिस्टम एनालिस्ट अभी परिवहन की यह है स्थिति
सार्वजनिक परिवहन- 22 प्रतिशत
टैक्सी/कैब- 12 प्रतिशत
चौपहिया- 8 प्रतिशत
दोपहिया- 31 प्रतिशत
राहगीर व साइकिल- 27 प्रतिशत