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जनहित में इसके कार्य में तेजी लाना जरूरी है। मुआवजा और अन्य कई मसलों को लेकर इस बांध का निर्माण बंद है। जिले की तकली मध्यम सिंचाई परियोजना को लेकर सोहनपुरा और तमोलिया गांवों के बीच बांध बनाना है। इसके डूब क्षेत्र में आने वाले परिवारों का विस्थापन की समस्या का हल नहीं निकलने से इसका कार्य अटका हुआ है। डूब क्षेत्र में सात गांव के करीब 566 परिवारों का पुनर्वास होगा। करीब &4.8& करोड़ की लागत से बांध बनेगा।
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इसकी नहरों से करीब 7&86 हैक्टेयर भूमि सिंचित होगी। उधर, विधायक चंद्रकांता मेघवाल ने बताया कि किसान बांध का कार्य शुरू होने से रोकना नहीं चाहते हैं, लेकिन उनकी उचित मुआवजे की मांग को पूरा किया जाना चाहिए। इस मसले के बारे में सरकार को फिर अवगत कराएंगे। यह सिंचाई परियोजना 2005 में स्वीकृत हुई थी और किसान वर्ष 2008 से उचित मुआवजे की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन करते आ रहे हैं। जो भी अधिकारी रहे वे उन्हें आश्वासन ही देते रहे, लेकिन उनकी मांग का निस्तारण नहीं हुआ।
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सरकार ने किसानों को स्पेशल पैकेज देने का आश्वासन दिया गया था, लेकिन किसी अधिकारी यह रिपोर्ट भेज दी लोग सरकारी जमीन पर बसे हैं। यह गलत जानकारी भेजी गई, यह पता लगा रहे हैं कि किसी अधिकारी ने यह रिपोर्ट भेजी और किस आधार पर भेजी।किसानों की समस्या का न्याय संगत समाधान करने का प्रयास जारी है।
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रुक गया गांवों का विकास विधायक मेघवाल ने बताया कि इन सब गांवों की बेहाली का आलम ये है कि सरकार की तरफ से इन गांवों का विकास रुक गया है। गांव वालों को खुद ही नहीं पता कि वहां उनका ठिकाना कितने दिन का है। सात गांव एक साथ अपनी बेहाली और बदहाली पर आंसू ही बहा रहे हैं। इन गांवों के युवकों की शादी तक नहीं हो पा रही है।