पहले जो टावर बिना अनुमति लगे हैं, उन्हें निकायों में 6 माह में आवेदन कर स्वीकृति लेनी होगी। छह माह बाद भी आवेदन नहीं किया तो अवैध टावरों को हटाया जाएगा। स्कूल, अस्पताल और जेल परिसरों से टावर निश्चित दूरी पर लगाए जाएंगे।
उल्लेखनीय है कि टावर लगाने के संदर्भ में कुछ समय पहले केन्द्र ने पॉलिसी जारी की थी। उसी के आधार पर राज्य सरकार ने ये आदेश जारी किए हैं। कोई अवैध टावर नहीं हटाया जाता या निकाय नए टावर लगाने की अनुमति नहीं देती तो प्रकरण सरकार द्वारा गठित कमेटी के पास जाएगा।
मुख्य सचिव की अध्यक्षता में स्टेट टेलीकॉम कमेटी और जिला कलक्टर की अध्यक्षता में डिस्ट्रिक टेलीकॉम कमेटी ही इन पर निर्णय करेगी। सूत्रों के अनुसार टावर के लिए आवेदन के साथ पहले 10 हजार, उसके बाद वार्षिक शुल्क लगेगा। निगम व परिषद क्षेत्रों में यह 10 हजार, पालिका व पंचायत क्षेत्र में 5 हजार रुपए सालाना लगेगा।