दरअसल भारतीय रेलवे ने सिंगल यूज प्लास्टिक को रोकने के लिए बड़ी योजना पर काम शुरू कर दिया है। इसके तहत 2 अक्टूबर तक ट्रेनों और रेलवे स्टेशनों पर सिंगल यूज प्लास्टिक के इस्तेमाल को पूरी तरह से बंद कर दिया जाएगा। रेलवे ने ये कदम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से 15 अगस्त को लाल किले से सिंगल यूज प्लास्टिक को देश से बाहर करने की अपील के बाद उठाया है। आपको बता दें कि ये वो प्लास्टिक हैं जो 50 माइक्रोन से कम के होंगे। हालांकि भारतीय रेलवे के सामने कई प्रकार की चुनौतियां हैं, जिससे निपटना आसान नहीं है। जी हां, रेलवे के सामने सबसे बड़ी समस्या रोज इस्तेमाल होने वाले करीब 25 लाख पानी की बोतलें और 10 लाख अन्य पेय पदार्थ की प्लास्टिक की बोतलें हैं, जिनका इस्तेमाल ट्रेनों, स्टेशन परिसर या उनके आसपास होता है।
रेलवे कर रहा है ये काम
इन दिनों रेलवे 25 लाख पानी की बोतलों और 10 लाख अन्य पेय पदार्थ की प्लास्टिक की बोतलों पर खास काम कर रहा है। यही वजह है कि रेलवे अपने ए १ और ए कैटेगरी के 400 स्टेशनों पर बॉटल क्रशिंग मशीन लगाने जा रहा है। फिलहाल रेलवे के 128 स्टेशनों पर ऐसी 160 मशीन लगाई जा चुकी हैं। इन मशीनों में एक खास सुविधा भी मौजूद रहेगी। अगर आप इन मशीनों में पानी की बोतल डालेंगे तो उसमें आपको अपने मोबाइल नंबर की भी एंट्री करनी होगी। मशीन में बोतल डालते ही इससे आपके फोन में कुछ पैसे का रिचार्ज हो जाएगा। वहीं आईआरसीटीसी ट्रेनों में इस्तेमाल के बाद खाली बोतलों को जमा कर उन्हें रिसाइकिल के लिए भी भेजेगा, ताकि प्लास्टिक के कचरे को कम किया जा सके।
आपको बता दें कि इससे पहले रेल मंत्रालय ने रेलवे में प्लास्टिक और पॉलिथिन बैग के इस्तेमाल पर फौरन हर संभव रोक लगाने के निर्देश दिए हैं। दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त को अपने भाषण में प्लास्टिक से पैदा होने वाले प्रदूषण को रोकने की अपील की थी। रेल बोर्ड ने अपने निर्देश में कहा है कि 2 अक्टूबर तक रेलवे को प्लास्टिक से बने सामानों पर नियमों के तहत पूरी पाबंदी लगानी है, जबकि इस राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती के दिन सभी रेल कर्मियों को प्लास्टिक का इस्तेमाल न करने की शपथ भी दिलाई जाएगी।