जयपुर

2015 के बाद बैंकिंग सिस्टम में आई एनपीए की बाढ़

उर्जित पटेल का खुलासा

जयपुरJul 06, 2020 / 12:01 am

Jagmohan Sharma

2015 के बाद बैंकिंग सिस्टम में आई एनपीए की बाढ़

नई दिल्ली. आरबीआइ के पूर्व गवर्नर उर्जित पटेल ने भारतीय बैंकिंग सेक्टर के अनुपयुक्त बैड लोन के बढऩे को लेकर बड़ा खुलासा किया है। अपनी नई किताब ‘ओवरड्राफ्ट- सेविंग्स द इंडियन सेवर’ में पटेल ने भारत में बैड लोन में बढ़ोतरी के कारण बताए हैं। उर्जित पटेल ने अपनी किताब में लिखा है कि भारत के बैंकिंग सेक्टर में एनपीए में 2015 से बढ़त शुरू हुई, लेकिन बाद में यह बाढ़ की तरह संभालने योग्य नहीं रहा। 2016 में पटेल के आरबीआई गवर्नर बनने के बाद यह समस्या सबसे पहले सामने आई। इस किताब का प्रकाशन हार्परकोलिन्स इंडिया ने किया है और यह 31 जुलाई से अमेजन पर उपलब्ध होगी। 22 जून को ही उर्जित पेटल नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक फाइनेंस एंड पॉलिसी (एनआईपीएफपी) के चेयरमैन बने हैं। यह संस्थान वित्त मंत्रालय के अधीन है।
बैंक से 20 लाख से ज्यादा की निकासी पर लगेगा टैक्स
भारतीय स्टेट बैंक ने खाताधारकों को कहा है कि अगर वो एक साल में 20 लाख रुपए से ज्यादा की नकद निकासी करते हैं, तो उनको टैक्स (टीडीएस) देना पड़ेगा। हालांकि बैंक ने इस टैक्स से बचने के उपाय भी बताए हैं। बैंक ने इस बारे में सोशल मीडिया पर ट्वीट करके जानकारी दी है। 3 सालों से सेक्शन 194 एन के तहत 20 लाख रुपए से ज्यादा की नकद निकासी पर टीडीएस कट रहा है। टैक्स से बचने के लिए आपको बैंक में अपने पैन कार्ड की डिटेल्स जमा करनी होगी। बैंक को अपना इनकम टैक्स रिटर्न की डिटेल्स देनी होगी। ऐसा करने पर रकम निकासी पर टीडीएस की मार से बच सकते हैं।

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