उन्होंने बताया कि हाल ही में करीब 740 आवेदनों का निस्तारण किया गया है। उन्होंने कहा कि कई बार आवेदन में पूर्ण दस्तावेजों के न होने से प्रकरण लम्बित रह जाते हैं। उन्होंने कहा कि बोर्ड की वेबसाईट पर आवेदन भिजवाने के संबंध सभी गाईडलाईन अपलोड कि गई उसके अनुसार आवेदन भेजे तो प्रकरण का जल्द निस्तारण होगा। गोयल ने टेक्सटाईल उद्योग से होने वाले जल एवं हवा में होने वाले प्रदूषण पर रोक, उद्योगों पर लगने वाले पर्यावरण मुआवजा नेशनल ग्रीन ट्रीब्यूनल की ओर से दिए गए निर्देशों एवं नियमों की पालना करने के सख्त निर्देश देने के साथ ही जिला मॉनीटरिंग समिति, खतरनाक अपशिष्ट निस्तारण, ट्रीटीड पानी के पुनः उपयोग जैसे विषयों पर उद्यमियों के साथ चर्चा की।
उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य है सभी उद्योग अच्छे चले और पर्यावरण का नुकसान भी कम से कम हो। हमने जो नियम बनाए हैं, जिससे अधिकतम यूनिट्स को फायदा हो और हम पूरा प्रयास करें की कोई प्रकरण एनजीटी तक न पहुंचे, इसलिए सब नियमों के प्रति जागरूक होकर काम करें।
बैठक में राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव शेलजा देवल ने कहा कि सभी उद्योग में नियम और अधिनियम का सख्ती से पालन करें तो सुखद विकासात्मक तस्वीर पूरे राज्य की बनेगी और प्रदूषण पर रोकथाम के साथ उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा। बैठक में बोर्ड के अधिकारी, विभिन्न जिलों से आए टैक्सटाईल उद्यमी, उद्योग जगत के प्रतिनिधीमण्डल मौजूद थे।