वैज्ञानिकों को ऐसे आया था विचार
वर्ष 2014 में प्रवाल भित्तियों और जहाजों के मलबे को खोजने के लिए स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने रोबोट बनाने के बारे में सोचा। इसी मकसद के साथ 2016 में कृत्रिम बुद्धिमत्ता, उन्नत रोबोटिक्स और टच-आधारित प्रतिक्रिया प्रणाली से लैस 'ओशनवन' बनाया। 'ओशनवन' समुद्र में 200 मीटर की गहराई तक जा सकता था जबकि इसकी अगली पीढ़ी 'ओशनवनके' की क्षमता 1000 मीटर है। ऐसा पहली बार है कि कोई रोबोट समुद्र की इतनी गहराई में जाकर इंसानों को वर्चुअली उसी माहौल का एहसास करा सकता है।
वर्ष 2014 में प्रवाल भित्तियों और जहाजों के मलबे को खोजने के लिए स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने रोबोट बनाने के बारे में सोचा। इसी मकसद के साथ 2016 में कृत्रिम बुद्धिमत्ता, उन्नत रोबोटिक्स और टच-आधारित प्रतिक्रिया प्रणाली से लैस 'ओशनवन' बनाया। 'ओशनवन' समुद्र में 200 मीटर की गहराई तक जा सकता था जबकि इसकी अगली पीढ़ी 'ओशनवनके' की क्षमता 1000 मीटर है। ऐसा पहली बार है कि कोई रोबोट समुद्र की इतनी गहराई में जाकर इंसानों को वर्चुअली उसी माहौल का एहसास करा सकता है।
ऑपरेटर महसूस करते हैं पानी की गहराई
जब पानी के बाहर से ही कोई ऑपरेटर 'ओशनवनके' को निर्देश देता है तो टच-आधारित प्रतिक्रिया प्रणाली पानी के दबाव के साथ-साथ उसे अवशेषों को छूने का एहसास कराती है। रोबोट लगभग 5 फीट लंबा है और यह किसी वस्तु को तोड़े बिना उसे सावधानी से संभालने में समर्थ है।
जब पानी के बाहर से ही कोई ऑपरेटर 'ओशनवनके' को निर्देश देता है तो टच-आधारित प्रतिक्रिया प्रणाली पानी के दबाव के साथ-साथ उसे अवशेषों को छूने का एहसास कराती है। रोबोट लगभग 5 फीट लंबा है और यह किसी वस्तु को तोड़े बिना उसे सावधानी से संभालने में समर्थ है।
अतीत के अवशेषों को खोज निकाला
वैज्ञानिकों ने पिछले साल से रोबोट को समुद्री यात्रा पर भेजना शुरू कर दिया था। यह अंडरवॉटर रोबोट अब तक डूबे हुए बीचक्राफ्ट बैरॉन एफ-जीडीपीवी विमान, इतालवी स्टीमशिप ले फ्रांसेस्को क्रिस्पी, द्वितीय विश्व युद्ध का पी-38 लाइटनिंग एयरक्राफ्ट और ले प्रोती नामक पनडुब्बी के अवशेषों की खोज कर चुका है। वैज्ञानिकों का अगला मिशन पेरू और बोलीविया की सीमा पर टिटिकाका झील में डूबी हुई स्टीमबोट का पता लगाना है।
ओशनवन से ऐसे अलग
- तेल और स्प्रिंग से हाथों को अपग्रेड किया गया है।
- इसे दो नए तरह के हाथ भी मिले हैं।
- यह बड़ी भुजाओं और सिर को अब ज्यादा हिला सकता है।
- विशेष फोम का प्रयोग कर रोबोट को बदला गया है ताकि गहराई में पानी के दबाव का मुकाबला कर सके।