जिला कलेक्टर ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि सभी अधिकारी राजस्थान लोक सेवाओं के प्रदान की गारंटी अधिनियम-2011 एवं राजस्थान सुनवाई का अधिकार अधिनियम-2012 के प्रावधानों को ध्यान में रखते हुए काम करें। जिला कलेक्टर ने इस बात पर जोर दिया कि लोगों के परिवादों की सुनवाई संबंधित विभागों में ही हो जानी चाहिए ताकि उन्हें जिला कलेक्ट्रेट, मंत्रियों या मुख्यमंत्री कार्यालय तक नहीं जाना पडे़।
उन्होंने कहा कि संपर्क पोर्टल पर आने वाले सभी परिवादों, शिकायतों का प्राथमिकता से शत-प्रतिशत निस्तारण किया जाए। जयपुर के दोनों मुख्य चिकित्सा अधिकारियों के स्तर पर लंबित 950 से अधिक मामलों को और जेवीएनएल के अधिकारियों को बकाया मामले तीन दिन में हल कर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए।
कचरा परिवहन वाहनों की ट्रेकिंग का डेटा साझा करें
जिला कलेक्टर ने शहर की सफाई व्यवस्था को सुदृढ़ करने की जरुरत पर जोर देते हुए कहा कि शहर में कचरा परिवहन में लगे वाहनों के वीटीएसका डेटा जिला प्रशासन के साथ साझा किया जाए। उन्होंने निगम के अधिकारियों को निर्देश दिए कि निगम की ओर से कचरा संग्रहण-परिवहन-निस्तारण व्यवस्था की रेंडम चैकिंग उन अधिकारियों से कराई जाए जो इस व्यवस्था से सीधे तौर पर न जुडे़ हों। सफाई व्यवस्था में संसाधनों एवं प्रयासों के दोहराव को रोका जाए।
महिला सशक्तीकरण के लिए समेकित योजना बनाने के निर्देश
जिला कलेक्टर जोगाराम ने महिला अधिकारिता एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों को जिले में महिलाओं के सशक्तीकरण के लिए एक सप्ताह में समेकित योजना बनाने के निर्देश दिए हैं।
उन्होंने कहा कि जिले में महिलाएं स्वेच्छा से घूंघट की कैद से बाहर निकलें और सशक्तीकरण की मुख्य धारा में शामिल हों, इसके लिए एनजीओ, सोशल मीडिया का उपयोग कर इसे अभियान के रूप में लेते हुए सकारात्मक वातावरण बनाया जाना चाहिए। गरिमा हैल्पलाइन की बैठक भी जल्द बुलाई जाए।