जहां 1800 से ज्यादा सैंपल की जांच रिपोर्ट आज तक आई ही नहीं वहीं 2015 से लेकर आज तक ड्रग टेस्टिंग लैब में 6 हजार से ज्यादा सैंपल जांच के लिए पेडिंग है। ऐसे में जब तक जांच नहीं हो तब औषधि नियंत्रक किसी दवा की बिक्री पर रोक भी नहीं लगा सकता है। ऐसे में इस स्थिति में भी करोडों रुपए की नकली और अवमानक दवाएं मरीजों के शरीर में पहुंच रही है।