पीपलहेड़ा गांव की अथाई पर
हरिकीर्तन दंगल में रविवार को कीर्तन मंडलियों ने धार्मिक एवं पौराणिक कथाओं पर
आधारित रचनाएं सुना श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।
दंगल की शुरूआत गणेश
वंदना से हुई। इसके बाद दंगल में विभिन्न गांवों की करीब डेढ़ दर्जन कीर्तन
मंडलियों ने रामायण, महाभारत, शिवपुराण, पदमपुराण आदि ग्रंथों की कथाओं पर आधारित
रचनाएं प्रस्तुत कीं। हरीकीर्तन सुनने आस पास के गांवों से काफी संख्या में लोग
पहुंचे। इससे पहले शनिवार रात करीब सवा आठ बजे पंच पटेलों ने सरस्वती मां की
प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्जवलित कर दंगल का उद्घाटन किया।
दंगल में रही
श्रोताओं की भीड़
कैलादेवी बसई-दलापुरा में सैनी समाज की ओर से
आयोजित पद दंगल में श्रोताओं की भीड़ उमड़ रही है। इस दौरान बसवा (दौसा) की मंडली
के मेडिया रामखिलाड़ी सैनी ने श्यामा बाई गोपाल की कथा का प्रसंग “भारी कूदी मेला
में”, बूढाखेड़ा अलवर के मेडिया दिनेशचंद सैनी ने राजा भर्तहरी का प्रसंग
“मीठी-मीठी बोले-डोले रख कंधा पै साड़ी”, नंदेरा दौसा के मेडिया जगनलाल सैनी ने
राजा शंखपति के दूसरे विवाह की कथा के प्रसंग पर पद सुनाया।