गंगानगर – अजमेर – टोंक जिले में ही 13 की मौत, कोई टीन से कटा तो किसी पर दीवार आ गिरी….. टोंक जिले में बारिश से सबसे ज्यादा तबाही की खबरें हैं। टोंक जिले में देर रात कुछ ही घंटों में अब तक 11 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें बच्चे भी शामिल है। टोंक शहर के धन्ना तलाई में दादा, पोता और पोती की जान चली गई। वे घर में ही छीन के नीचे बैठे थे। टीन अधंड में उड़ी और कटार की तरह तीनों पर जा गिरी, तीनों की जान चली गई। उसके बाद टोंक जिले के निवाई इलाके में तीन व्यक्तियों की मौत हो गई। तीनों पर अलग अलग जगह पर दीवार गिरी और तीनों की जान चली गई। टोंक के ही देवली इलाके में टोकरवास और आंवा गांव में दो की मौत हो गई। इसके अलावा मालपुरा, पचेवर और टोडारायसिंह इलाके में भी तीन मौतें हो गई हैं। टोंक जिले की कलेक्टर चिन्मयी गोपाल ने सभी एसडीएम, एडीएम और प्रशासनिक अफसरों को नुकसान का ब्यौरा बनाने के निर्देश दिए हैं और वे खुद भी मौके पर आ पहुंची है। अजमेर जिले में भी देर रात बिजली गिरने से एक किसान की मौत हो गई है। वहीं गंगानगर जिले में भी बिजली गिरने से एक युवती की मौत हुई है।
सैंकड़ों मवेशियों की जान चली गई, कच्चे मकान गिरे, बिजली के पोल और भारी पेड़ टूट गए
लगभग आधे राजस्थान में अंधड़ और बारिश के कारण भारी नुकसान हुआ है। देर शाम बारिश के साथ ही 40 से 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलीं और भारी तबाही मचा दी। अलवर, बारां, भरतपुर, बूंदी, दोसा, धौलपुर, जयपुर, झुंझुनू, करौली, कोटा, सवाई माधोपुर, सीकर, टोंक, बीकानेर, चूरू, नागौर, श्रीगंगानगर जिले आंधी अंधड़ के कारण करीब दो सौ से भी ज्यादा मवेशी जान गवां बैठे। इनमें बड़ी संख्या में बकरियां हैं। इनके अलावा भैसें एवं गायें भी शामिल हैं। वहीं करीब पांच सौ से भी ज्यादा पेड़ और बिजली के पोल बारिश और अंधड के चलते टूट गए हैं। बिजली पोल को दुरुस्त करने का काम शुरू कर दिया गया है।
लगभग आधे राजस्थान में अंधड़ और बारिश के कारण भारी नुकसान हुआ है। देर शाम बारिश के साथ ही 40 से 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलीं और भारी तबाही मचा दी। अलवर, बारां, भरतपुर, बूंदी, दोसा, धौलपुर, जयपुर, झुंझुनू, करौली, कोटा, सवाई माधोपुर, सीकर, टोंक, बीकानेर, चूरू, नागौर, श्रीगंगानगर जिले आंधी अंधड़ के कारण करीब दो सौ से भी ज्यादा मवेशी जान गवां बैठे। इनमें बड़ी संख्या में बकरियां हैं। इनके अलावा भैसें एवं गायें भी शामिल हैं। वहीं करीब पांच सौ से भी ज्यादा पेड़ और बिजली के पोल बारिश और अंधड के चलते टूट गए हैं। बिजली पोल को दुरुस्त करने का काम शुरू कर दिया गया है।