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जयपुर

प्रदेश के सातों मेडिकल कॉलेज में रेजीडेंट हड़ताल पर, मरीज परेशान; ऑपरेशन टले

अजमेर में अस्पताल के लेबर रूम में पुलिस के जबरन घुसने के मामले में प्रदेशभर में हड़तालहड़ताल के कारण प्लान ऑपरेशन नहीं हो पा रहे हैं, सीनियर डॉक्टर इमरजेंसी ऑपरेशन कर रहे हैं

जयपुरNov 22, 2018 / 10:14 pm

Nitin Sharma

resident doctor

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जयपुर: अजमेर के राजकीय जनाना चिकित्सालय के लेबर रूम में जांच के नाम पर पुलिस के जबरन घुसने के मामले में दो दिन से रेजीडेंट हड़ताल पर हैं। अब इनके समर्थन में जयपुर समेत प्रदेश के साताें मेडिकल कॉलेज हड़ताल पर चले गए हैं। इससे सरकारी अस्पतालों में मरीजों का इलाज नहीं हो पाया और कई ऑपरेशन भी टालने पड़े।
उधर, बुधवार देर शाम प्रदेश के सभी सातों मेडिकल कॉलेजों के रेजीडेंट चिकित्सकों का शिष्टमंडल अजमेर मेडिकल कॉलेज पहुंचा। यहां देर रात तक हड़ताल की रणनीति को लेकर चर्चा होती रही। इस दौरान रेजीडेंट के प्रतिनिधिमंडल ने चिकित्सा सचिव वीनू गुप्ता से भी वार्ता की। इसमें पुलिस व रेजीडेंट या अन्य चिकित्सकों के बीच कोई भविष्य में टकराव की स्थिति न हो, इसके लिए प्रोटोकॉल या नई गाइडलाइन तैयार करने पर चर्चा हुई।
अजमेर: बुधवार को अजमेर में हड़ताल का दसवां दिन था। मंगलवार आैर बुधवार को जिला प्रशासन, अस्पताल के प्रिंसिपल व रेजीडेंट के बीच वार्ता हुई; लेकिन दोनों बेनतीजा रहीं। डॉक्टर अपनी मांगों को लेकर अड़े रहे। यहां भी कई ऑपरेशन टालने पड़े। मरीजों को इलाज नहीं मिल पाया।
जाेधपुर: यहां रेजिडेंट्स की हड़ताल दूसरे दिन भी जारी रही। ईद मिलादुन्नबी की छुट्टी की वजह से दो घंटे ही अस्पताल खुले। इसके बाद इमरजेंसी में सीनियर रेजिडेंट्स, मेडिकल ऑॅफिसर और सीनियर प्रोफेसर ने कमान संभाली। हड़ताल के कारण प्लान ऑपरेशन नहीं हो पा रहे हैं। सीनियर डॉक्टर इमरजेंसी ऑपरेशन कर रहे हैं।
उदयपुर: आरएनटी मेडिकल कॉलेज उदयपुर के 256 रेजीडेंट बुधवार को भी हड़ताल पर रहे। सैकड़ों गर्भवतियों को इलाज नहीं मिल सका। जनाना में जांच-उपचार के लिए पहुंचीं गर्भवतियों को बैरंग लौटना पड़ा। हादसे के घायलों का भी इलाज नहीं हुआ। प्रिसिंपल डॉ. डीपी सिंह ने कहा कि हड़ताल पर रहे डॉक्टरों पर कार्रवाई होगी।
जयपुर: जयपुर में भी एसएमएस मेडिकल कॉलेज और इससे संबद्ध अस्पतालों के रेजिडेंट्स बुधवार से हड़ताल पर चले गए। इस कारण एसएमएस, जयपुरिया, गणगौरी, महिला, कांवटिया, जनाना अस्पताल में मरीजों को उपचार नहीं मिल सका। एसएमएस अस्पताल में ही 700 से अधिक रेजिडेंट्स हैं और कार्य व्यवस्था संभालते हैं लेकिन बुधवार को यह व्यवस्था चरमराई रही।
इसी तरह अन्य अस्पतालों में भी यह प्रभावित दिखी। ओपीडी के अलावा वार्ड और इमरजेंसी भी प्रभावित हुई। यदि अगले और दिन हड़ताल चलती है तो मरीजों का परेशान होना तय है।

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