स्वच्छता सर्वेक्षण-2018 से पहले शहर में करीब 2500 कचरा डिपो चिह्नित किए गए थे। इसके बाद नगर निगम ने डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण करने वाली बीवीजी कंपनी की जिम्मेदारी तय कर कचरा डिपो हटाने के निर्देश दिए। निगम की सख्ती के बाद शहर में गिने-चुने कचरा डिपो ही बचे थे। निगम ने स्वच्छता सर्वेक्षण-2019 के दौरान एक बार फिर कचरा डिपो पर फोकस किया तो शहर में 600-700 ही कचरा डिपो बचे थे। अब स्वच्छता सर्वेक्षण के बाद परकोटे सहित शहर के मुख्य मार्गों पर कचरा डिपो फिर से दिखने लगे हैं।
मुख्य मार्ग पर ही बना दिया डंपिंग यार्ड शहर में जहां से घर-घर से कचरा संग्रहण हो रहा है, वहां बीवीजी कंपनी ने कचरे को सडक़ किनारे ही डालना शुरू कर दिया है। इससे लोगों को वहां से आने-जाने में काफी परेशानी हो रही है। वार्ड 49 में खानिया बंधा पर मुख्य सडक़ किनारे ही कंपनी ने डंपिंग यार्ड बना दिया है। कचरे की बदबू के चलते वहां से लोगों का निकलना दूभर हो रहा है। पार्षद मोहनलाल मीणा ने बताया कि बीवीजी कंपनी वार्ड से कचरा संग्रहण नहीं कर रही है, बल्कि कंपनी के वाहन बाहरी वार्डों से कचरा लाकर मुख्य सडक़ के किनारे ही डाल रहे हैं। इनमें मीट आदि के अपशिष्ट व होटलों का बचा हुआ खाना तक डाल रहे हैं, जो सडांध मारता है।