मंत्री कल्ला ने कहा कि आरएएस सेवाओं में टीएसपी क्षेत्र के निवासियों के लिए पृथक आरक्षण संभव नहीं है। क्योंकि अधीनस्थ सेवाओं और राज्य प्रशासनिक सेवाओं की प्रकृति, भूमिका और उत्तरदायित्व बहुत भिन्न होते हैं तथा राज्य सेवा के अधिकारियों को एक क्षेत्र विशेष तक सीमित किया जाना संभव नहीं है। इसलिए प्रशासनिक सेवाओं में टीएसपी क्षेत्र के निवासियों के लिए पृथक से आरक्षण नहीं किया गया है और न ही अलग कैडर बनाया गया है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ने अशोक गहलोत ने इस सरकार के प्रथम बजट (2019-20) में ही राज्य सेवाओं के सेवारत अधिकारियों के प्रशिक्षण (सेवाकाल में प्रशिक्षण) की घोषणा की थी, जिसका क्रियान्वयन भी प्रारम्भ हो गया है तथा हरिश चन्द्र माथुर लोक प्रशिक्षण संस्थान, ओटीएस-रीपा ने राज्य सेवा के अधिकारियों के लिए मध्यावधि प्रशिक्षण कार्यक्रम भी प्रारम्भ कर दिए हैं। कमियों को दूर करने के संबंध में सदस्यों की ओर से आए सभी सुझावों को सकारात्मक रूप से लिया जाएगा।
डॉ. कल्ला ने बताया कि पेंशन प्रकरणों की मासिक मॉनिटरिंग की जा रही है। साथ ही मोबाइल एप के माध्यम से भी प्रकरणों को ऑनलाइन मॉनिटर किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि पेंशनर्स को 20 हजार रूपए तक दवा पुनर्भरण किया जाता है। इससे आगे 50 हजार रूपए तक जिला कलक्टर एवं 2 लाख रूपए तक राज्य स्तर से स्वीकृति दी जाती है।