जयपुर

रोजगार छिनने से एक लाख मजदूर घर वापसी को मजबूर

कारखाने-फैक्ट्रियां बंद होने से पैदा हुए ये हालात

जयपुरMar 30, 2020 / 01:22 am

jagdish paraliya

These situations arose due to the closure of factories and factories

चिह्नित 6200 मजदूरों को प्रशासन पहुंचा रहा प्रदेश की सीमा तक
बाड़मेर. कोरोना वायरस संक्रमण के खतरे से बचने के लिए लागू लॉकडाउन के चलते जिले में रीको, निजी कंपनी यार्ड व औद्योगिक फैक्ट्रियां सहित बड़े उद्योग बंद होने से बाड़मेर जिले में करीब एक लाख मजदूरों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है। यह ऐसे लोग है जिन्हें प्रतिदिन कमाकर गुजारा चलाना होता है। ऐसे लोगों ने प्रशासन से उन्हें अपने घर पहुंचाने के लिए गुहार लगाई।
इसके बाद बाड़मेर की कंपनियों में काम रहे बाहरी मजदूरों को प्रशासन राजस्थान की सीमा तक पहुंचाएगा। इसके लिए रोडवेज सहित निजी बसों से उन्हें पहुंचाने का इंतजाम किया गया है।
जिला प्रशासन ने रोडवेज बस के साथ-साथ जिला परिवहन अधिकारी से निजी बसों की व्यवस्था करवाने के लिए जिम्मा सौंपा है। अब रोडवेज के साथ-साथ निजी बसें भी मजदूरों को पहुंचाने में मदद करेगी। ऐसी स्थिति में जल्द ही बाहरी श्रमिकों को बॉर्डर तक पहुंचा दिया जाएगा। बाड़मेर जिला प्रशासन की ओर से तय की गई बसें गुजरात, मध्यप्रदेश, यूपी, बिहार, महाराष्ट्र सहित अन्य प्रदेश की सीमा तक जाएगी।
मजदूर परिवारों को बसों में किया रवाना : कुचामनसिटी . मध्यप्रदेश के करीब एक दर्जन परिवार अपने बच्चों के साथ रविवार शाम को बस से अपने गंतव्य के लिए रवाना हुए। यात्रियों ने बताया कि बंद के दौरान यहां आवास नहीं होने से परेशान थे। ऐसे में अपने घर पहुंचने की खुशी में सभी परिवार बस स्टैंड पर एकत्रित हो गए।
माउंट आबू में फंसे १३० विदेशी पर्यटकों को भेजा अपने देश
माउंट आबू . कोरोना वायरस की महामारी के चलते पर्यटन स्थल माउंट आबू में फंसे १३० विदेशी पर्यटकों को स्थानीय प्रशासन के सहयोग के बाद रविवार को उन्हें भेजने की व्यवस्था की गई।उपखंड अधिकारी डॉ.रविंद्र कुमार गोस्वामी के अनुसार विशेषकर रशिया से आए 114 लोगों को कोरोना वायरस रोकथाम को लेकर ऐहतियात के तौर पर सेल्फ क्वारंटाइन में रखा गया था।
Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.