जयपुर में सीएए-एनआरसी के विरोध में महिलाओं के धरने को एक माह पूरा
31 वें भी धरने में डटी हुई हैं महिलाएं

जयपुर। सीएए-एनआरसी और एनपीआर के विरोध में दिल्ली के शाहीन बाग की तर्ज पर जयपुर के शहीद स्मारक पर चल रहे महिलाओं के धरने का आज 31वां दिन हैं। एक माह बाद भी महिलाएं इसके विरोध में धरने में डटी हुई है और सीएए-एनआरसी के खिलाफ आवाज बुलंद कर रही हैं।
सुबह से रात 8 बजे तक महिलाएं हाथों में तिरंगा और संविधान की प्रति लिए देश भक्ति और कौमी एकता नारे लगाती हैं। धरने में कॉलेज की छात्राएं भी महिलाओं को सीएए और एनआरसी से पड़ने वाले प्रभावों की जानकारी भी महिलाओं को देती नजर आती हैं। विभिन्न संगठनों से जुड़े लोग और वक्ता भी दिन-भर महिलाओं को धरने संबोधित करते नजर आते हैं।
धरने में बैठी महिलाओं को नाराजगी इस बात से है कि तीन तलाक के मुद्दे पर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि मैं मुस्लिम महिलाओं का भाई हूं। आज मुस्लिम महिलाएं सड़कों पर हैं, लेकिन वे अब हमारी सुध नहीं ले रहे हैं।
शनिवार को संविधान बचाओ, लोकतंत्र बचाओ अभियान के संयोजक सवाई सिंह ने धरने को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि आज महिलाएं संविधान की रक्षा के लिए लड़ रही हैं। ये कानून केवल मुस्लिम ही नहीं बल्कि हिन्दूओं को भी प्रभावित करेंगे। आज बेरोजगारी चरम पर है, अर्थव्यवस्था डांवाडोल है, लेकिन सरकार इन समस्याओं पर से ध्यान हटाने के लिए ऐसे कानूनों का सहारा ले रही है। शनिवार को दिल्ली में सांप्रदायिक दंगों का गुस्सा भी महिलाओं में दिखा।
करबला मैदान पर धरना जारी
वहीं दूसरी सीएए-एनआरसी के विरोध में रामगढ़ मोड़ स्थित करबला मैदान पर महिलाओं का धरना जारी है। हालांकि यहां धरने में महिलाएं दोपहर 3 बजे से जुटना शुरू होती है।
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