जयपुर शहर में चल रहा शादी ब्याह का दौर 15 दिसम्बर से थम जाएगा। सूर्य
के बृहस्पति की धनुराशि में गोचर करने से 15 दिसम्बर से खरमास शुरू हो
जाएगा। यह स्थिति 14 जनवरी 2015 तक रहेगी। इससे मांगलिक कार्य नहीं होंगे।
अगले वर्ष 15 जनवरी से फिर विवाह के मुहूर्त शुरू होंगे। आैर शादी विवाहो
की धूम शुरू हो जाएगी।
जयपुर शहर में चल रहा शादी ब्याह का दौर 15 दिसम्बर से थम जाएगा। सूर्य के बृहस्पति की धनुराशि में गोचर करने से 15 दिसम्बर से खरमास शुरू हो जाएगा। यह स्थिति 14 जनवरी 2015 तक रहेगी। इससे मांगलिक कार्य नहीं होंगे। अगले वर्ष 15 जनवरी से फिर विवाह के मुहूर्त शुरू होंगे। आैर शादी विवाहो की धूम शुरू हो जाएगी।
सूर्य के मलिन होने से नहीं होते शुभ कार्यपंडित पहृलाद शर्मा के अनुसार खरमास में सूर्य जो है वह धनु राशि में प्रवेश करेगा और मकर संक्रांति तक इसी स्थिति में रहेगाण् मान्यता है कि सूर्य जब धनु राशि में विद्यमान होता है तो इस दौरान मांगलिक कार्य शुभ नहीं माने जाते। इस दौरान सूर्य मलीन हो जाता है। चूंकि विवाह के लिए सूर्य एक महत्वपूर्ण कारक ग्रह है इसलिए धनुर्मास में विवाह पर रोक रहेगी।
15 जनवरी को पहला सावामल मास हटने के बाद पहला सावा जनवरी में 15, 21, 28 व 29, फरवरी में 4 17 24 और संवत्सर 2072 के आखिरी महीने मार्च फाल्गुन में मात्र दो मुहूर्त 5 व 10 मार्च ही है।