विद्याधर नगर जोन की गुर्जर बस्ती में करीब आधा दर्जन मकानों के पट्टों को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। पट्टों पर किए गए हस्ताक्षरों को फर्जी बताते हुए मामला पुलिस तक पहुंच गया है। तत्कालीन महापौर ज्योति खंडेलवाल ने दावा किया है कि ऐसे किसी भी पट्टे पर उन्होंने हस्ताक्षर नहीं किए हैं। उन्होंने बताया है कि साइट प्लान पर महापौर के हस्ताक्षर किए जाने का प्रावधान नहीं है, लेकिन इसके बाद भी एक साइट प्लान पर उनके हस्ताक्षर बताए जा रहे हैं। इस संबंध में पुलिस थाना शास्त्रीनगर में बुधवार को रिपोर्ट दर्ज कराई जा रही है।
ऐसे हुआ खुलासा स्थानीय निवासी हेमराज के मुताबिक, जोन में एक मकान निर्माण के दौरान विवाद हुआ। इसके बाद ही सूचना के अधिकार कानून के तहत वीडी जोन से जानकारी मांगी गई। तब इस पूरी गड़बड़झाले का पता चला। मामले में नगर निगम भी अपनी जांच में मान चुका है कि इस तरह के पट्टे कभी भी निगम की ओर से जारी नहीं किए गए हैं।
कैंप लगाकर बांटे थे पट्टे नगर निगम में महापौर रहते ज्योति खंडेलवाल के समय जगह-जगह कैंप का आयोजन किया गया। इन कैंप में निगम ने कब्जेधारियों को बड़ी तादाद में पट्टे वितरित किए थे। इसे अपनी एक बड़ी उपलब्धि भी बताई थी।
इन पर लग रहे ये आरोप आरोप लगाए गए हैं कि नगर निगम में विद्याद्यर नगर जोन में भाजपा के पार्षद तेजश शर्मा व भाजपा के पूर्व पदाधिकारी उम्मेद सिंह ने फर्जी स्कीम प्लान पेश कर पट्टे दिए जिस पर पूर्व मेयर ज्योति खण्डेलवाल एवं अन्य अधिकारियों के हस्ताक्षर थे। जोन के अधिकारियों ने उक्त स्कीम प्लान पर किये गए सभी हस्ताक्षर फर्जी बताकर प्राथमिक दर्ज करवाने का उल्लेख 12 अक्टूबर 2013 को नोट शीट पर किया था। जिस स्कीम प्लान का नगर निगम द्वारा पीटी सर्वे करवाया गया बताया गया है एवं एम्पावर्ड कमेटी से पास होना भी बताया गया है साथ ही जिस पर पूर्व मेयर ज्योति खण्डेलवाल सहित सभी एम्पावर्ड कमेटी के सदस्यों के हस्ताक्षर है, वे नगर निगम द्वारा फर्जी बताये गए है। पूर्व महापौर से भी जब इस बाबत क्षेत्रवासियों ने सम्पर्क किया और दस्तावेज बताये तो पूर्व महापौर ज्योति खण्डेलवाल ने भी हस्ताक्षर फर्जी होने के बारे में कहा।
पूर्व मेयर ज्योति खण्डेलवाल ने कहा, ” मेरे हस्ताक्षर से जो पट्टा जारी हुआ है वो हस्ताक्षर मेरे नहीं है। मैं इस बाबत शास्त्री नगर थाने में मुकदमा दर्ज करवा रही हूं ।”