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राजस्थान में जीएसटी को लेकर कुछ यूं हुआ था बवाल,इसके बावजूद भी कमाएं इतने करोड़ों रुपए

locationजयपुरPublished: Jun 28, 2018 03:59:57 pm

Submitted by:

rajesh walia

राजस्थान में जीएसटी को लेकर कुछ यूं हुआ था बवाल,इसके बावजूद भी कमाएं इतने करोड़ों रुपए

gst
जयपुर
केंद्र सरकार की ओर से लागू कर व्यवस्था मतलब की जीएसटी को लागू हुए लगभग 1 जुलाई 2018 को एक साल पूरा हो जाएगा। आज से एक साल पहले केंद्र सरकार की ओर से नई टैक्स व्यवस्था Goods and Services Tax (GST) को लागू किया गया था। जीएसटी के लागू होने के बाद से अलग- अलग जगहों से लोगों की
प्रतिक्रियाएं आना शुरू हो गई थी।
जीएसटी के एक वर्ष होने पर सरकार के द्वारा जारी किए गए आकड़ों से पता चला है कि कर भुगतान में बड़ा योगदान इकाइयों के एक छोटे से वर्ग का ही है। GST के तहत कुल मिलाकर 1.11 करोड़ पंजीबद्ध कारोबारी इकाई है। लेकिन 80% कर केवल एक प्रतिशत इकाईयों के माध्यम से प्राप्त हो रहा है।
गौरतलब है कि सरकार की तरफ से जारी हुए आंकड़ों के मुताबिक, 1 जुलाई 2017 से मई 2018 तक कुल 10,07,395 करोड़ रुपए का टैक्स इकट्ठा हुआ है। 12वें महीने यानी जून के लिए टैक्स उगाही के आंकड़े जुलाई की शुरुआत में जारी होंगे।
जीएसटी का हुआ था प्रदेश में विरोध प्रदर्शन
Goods and Services Tax को लागू करने के बाद से ही सरकार जहां एक तरफ उत्साहित हो रही थी। वहीं दूसरी तरफ राजस्थान के कई शहरों में व्यापारियों ने इसका खुल कर विरोध- प्रदर्शन किया था। प्रदेश के कपड़ा व्यापारियों सहित अनेक व्यापारियों ने जीएसटी के विरोध में बाजारों को कई दिनों तक बंद रखा था। गौरतलब है कि प्रदेश में सबसे ज्यादा GST का विरोध कपड़ा व्यापारियों ने किया था। कपड़ा व्यापारियों के साथ बाजार के अन्य व्यापारियों ने भी दिया था। मंड़ी व्यापारियों ने भी इसका विरोध किया था। प्रदेश के कई जगहों पर मंड़ीया बंद भी रही थी।
आम आदमी था खुश

जीएसटी के लागू होने के बाद से व्यापारी वर्ग जहां परेशान था। तो वहीं आम आदमी जीएसटी को लेकर बहुत खुश था। जीएसटी को लेकर आम आदमी की राय थी कि इसको लागू होने से अनेक प्रकार के कर से छुट्टी मिलेगी,तथा साथ में वस्तुओं के दामों में भी काफी गिरावट आएगी।
जीएसटी के विरोध में दुकानें रही थे बंद
खबरों के मुताबिक कपड़े पर जीएसटी लागू किए जाने के विरोध में कोटा, बारां, बूंदी और झालावाड़ जिले के कपड़ा व्यापारी हड़ताल पर चले गए थे। चारों जिलों में कपड़े की सभी दुकानें बंद रही थी और व्यापारियों ने सरकार के खिलाफ जमकर विरोध- प्रदर्शन किया था। इतना ही नहीं अचानक जीएसटी लागू होने के विरोध में कोटा के व्यापारियों ने भारत बंद को पूरा समर्थन दिया। व्यापारी संगठनों के आह्वान पर उन दिनों कोटा के साथ- साथ प्रदेश की बहुत सी छोटी- छोटी दुकानें बंद रही थी। जीएसटी के दौरान व्यापारियों ने दुकानों में तोड़तोड़ भी मचाई थी।

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