दरअसल, रिटायर्ड आईएएस डीसी सामंत की अध्यक्षता में बनाई गई कमेटी ने पिछले साल जुलाई महीने में अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंप दी थी। कमेटी ने अपनी रिपोर्ट वित्त विभाग के संयुक्त शासन सचिव (नियम) को सौंपी थी। आपको बता दें कि सातवें वेतन विसंगतियों को दूर करने को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के निर्देश पर राज्य सरकार ने 23 फरवरी, 2017 को रिटायर्ड आईएएस अधिकारी डीसी सामंत की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय हाई पॉवर कमेटी गठित बनाई थी। इस कमेटी ने करीब 29 महीने बाद पिछले साल अपनी रिपोर्ट सौंप दी थी। कमेटी में डी.के. मित्तल तथा एम.पी. दीक्षित सदस्य बनाए गए थे। हालांकि इस कमेटी को तीन माह में रिपोर्ट देने को कहा गया था, लेकिन इसका कार्यकाल बढ़ाया जाता रहा। राजस्थान राज्य कर्मचारी संघ के प्रांतीय अध्यक्ष राजेश पारीक और प्रदेश मंत्री बलराम गुर्जर का कहना है कि सरकार को सामंत कमेटी की रिपोर्ट को सार्वजनिक करना चाहिए ताकि कर्मचारियों को पता चल सकें कि संगठनों की ओर से कमेटी को अवगत करवाई गई समस्याओं पर कमेटी का क्या रूख रहा।आपको बता दें कि सामंत कमेटी को सातवें वेतनमान की सिफारिश, सरकारी कार्मिकों को देयर कई तरह के भत्तों के संबंध में सुझाव देने के साथ ही वेतन विसंगतियों का परीक्षण करके इन्हें दूर करने के संबंध में भी सुझाव देने के लिए कहा गया था। इस कमेटी को कर्मचारी संगठनों ने वेतन विसंगति के साथ ही अपनी अन्य समस्याओं से अवगत करवाते हुए कई बार ज्ञापन भी सौंपे
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