गौरतलब है कि गांव में पेयजल आपूर्ति के समाधान के लिए जल जीवन मिशन (Jal Jeevan Mission) के तहत लगभग 57 लाख रुपए की राशि स्वीकृत किए हुए 1 वर्ष से भी अधिक का समय हो गया है, लेकिन इस योजना से जुड़े कार्यों की अभी तक शुरुआत भी नहीं हो पाई है। इसी तरह जलदाय विभाग की ओर से ग्राम में दो थ्री फेस के बोरिंग स्वीकृत किए गए हैं और इनसे संबंधित कार्य भी अभी शुरू नहीं हो पाए हैं। पंचायत समिति गोविंदगढ की ओर से ग्राम में लगभग 2 महीने पहले दो नलकूप खुदवाए गए, जिनमें अभी तक पाइप, केबल, मोटर आदि कुछ भी नहीं डाले गए और न ही कनेक्शन की कोई प्रक्रिया शुरू हो पाई।
ग्राम के उपसरपंच सुदर्शन शर्मा ने बताया कि पेयजल समस्या के समाधान के लिए स्वीकृत किए गए कार्यों के जमीनी स्तर पर क्रियान्वित नहीं होने से गर्मी में पेयजल आपूर्ति का समाधान नहीं हो पाया और ग्रामीण पानी की समस्या से परेशान हैं। गांव में लगातार पानी की समस्या बनी हुई है। इस पर भी जिम्मेदार विभागों की ओर से स्वीकृत कार्यों को जमीनी स्तर पर मूर्त रूप दिए जाने में विलंब करना समझ से परे है।