प्याज की आपूर्ति मुख्य रूप से झालावाड़, सवाई माधोपुर, अजमेर और अलवर से हो रही है। नासिक और दक्षिण से प्याज की आपूर्ति न के बराबर है। अलवर से प्याज जयपुर कम ही आ रहा है क्योंकि अलवर का प्याज इन दिनों दिल्ली जा रहा है।
गौरतलब है कि सरकार ने प्याज की बढ़ती कीमतों पर अंकुश लगाने के लिये मंगलवार को खुदरा विक्रेताओं और थोक विक्रेताओं की स्टॉक सीमा आधी कर दी। अब प्याज के खुदरा विक्रेता पांच टन और थोक विक्रेता 25 टन ही स्टॉक रख सकेंगे। पहले खुदरा विक्रेताओं को 10 टन तक और थोक विक्रेताओं को 50 टन तक प्याज का स्टॉक रखने की अनुमति थी। हालांकि, आयातित प्याज पर यह संशोधित स्टॉक सीमा लागू नहीं होगी।
सरकार ने प्याज की बढ़ती कीमतों पर अंकुश लगाने के लिये मंगलवार को खुदरा विक्रेताओं और थोक विक्रेताओं की स्टॉक सीमा आधी कर दी। मुहाना मंडी, जयपुर के कारोबारियों ने बताया कि फिलहाल दिसंबर के अंत तक प्याज के दाम काबू आने के कोई आसार नहीं हैं। कारोबारियों ने बताया कि राजस्थान में कोई स्टाकिस्ट ही नहीं हैं, आढ़तिए ही हैं। इसलिए सरकार के इस कदम का कोई असर नहीं होगा।
मुहाना आलू-प्याज मंडी जयपुर के अध्यक्ष शिवशंकर शर्मा ने बताया कि सरकार के स्टॉक लिमिट कम करने से जयपुर और राजस्थान में प्याज के दामों पर फिलहाल कोई असर नहीं होगा। अभी जो ताजा प्याज आ रहा है वो स्टॉक करने लायक नहीं है।