सौदा तय होने पर युवती के कहे अनुसार पीडि़त ने मुंबई की निजी बैंक में चेक से करीब 1.62 लाख रु. जमा कराए व शिलॉन्ग (मेघालय) पहुंचा। यहां पीडि़त ने पुजारी हर्बल कंपनी की मालकिन भाग्यश्री से हर्बल मेडिसिन (1 लीटर) की बोतल खरीदी। पीडि़त के अनुसार वह दवा पानी जैसी थी जिसमें कोई रंग घुला हुआ था।
पीडि़त ने बताया कि फिर मुंबई एयरपोर्ट पर उस सैंपल को एनाबेल की कंपनी के मोरिश गोल्डबन नामक नीग्रो व्यक्ति को सौंपा। मोरिश ने सैंपल कम बताते हुए कंपनी को इसी दवा की करीब 1.5 करोड़ रुपए मूल्य के सैंपल मुहैया करवाने को कहा।
कंपनी की शर्तों के अनुसार सैंपल सौंपते ही पीडि़त के खाते में करीब 65 हजार अमरीकी डॉलर आने थे, जो कि नहीं आए। पूछताछ पर आरोपी टालमटोल करने लगे। शक होने पर पीडि़त ने कंपनी के दस्तावेजों को टटोला तो ठगी का पता चला। साथ ही अशोक वागमारे, प्रवीण खंडेलवाल जैसे पीडि़तों की जानकारी मिली, जिनसे भी ठगों ने इसी तरीके से करीब 20 लाख रुपए की ठगी की थी। उधर पुलिस का कहना है कि मामले में और भी शिकार सामने आ सकते हैं।