केस : दो : रसियन लड़की की फोटो भेज, बताई कीमत कीर्ति नगर में निवासी मोहन शर्मा (परिवर्तित नाम) ने बताया कि शनिवार रात को एक मोबाइल से वाट्सएप पर छह सात युवतियों की फोटो अनोन नंबर से आई। फोटो भेजने वाले ने रसियन युवती की भी फोटो भेजी थी और वेश्यावृत्ति के लिए रकम भी बताई। पहले तो उसे देख चौंक गए। बाद में यह भेजने वाले नंबर पर जानकारी की तो उसने कोई जबाव नहीं दिया।
मुकेश शर्मा / जयपुर। राजधानी जयपुर में जहां पहले ग्राहक वेश्यावृत्ति के लिए वेबसाइट या अन्य दलालों को तलाशते नजर आते थे, अब वहीं दलाल और सक्रिय कई गिरोह खुद लोगों के मोबाइल पर देशी-विदेशी लड़कियों की फोटो भेज वेश्यावृत्ति का ऑफर दे रहे हैं। गिरोह फोटो के जरिए ही लड़की की कीमत लगाते हैं, सौदा तय होने पर ग्राहक द्वारा या फिर खुद द्वारा बताई गई जगह पर लड़कियों को वेश्यावृत्ति के लिए भेजते हैं। इन गिरोह के कारण पारिवारिक लोग मोबाइल भी खुला नहीं छोड़ सकते हैं। ऐसा नहीं है कि गिरोह के संबंध में पुलिस को जानकारी नहीं है। पुलिसकर्मियों को भी ऐसे गिरोह के संबंध में जानकारी होती है, लेकिन कार्रवाई करने से बचती है। इससे गिरोह के हौसले इतने बढ़ रहे हैं कि सौदा तय होने के बाद ग्राहक के के आनाकानी करने पर हत्या करने से पीछे भी नहीं हटते हैं।
प्रेम प्रसंग में फंसा युुवतियों को धकेलते कुछ वर्ष पहले जयपुर में पुलिस ने वेश्यावृत्ति करने वाले गिरोह पर सख्ती से कार्रवाई की थी। तब कई गिरोह पकड़े गए थे। पूछताछ के दौरान कई लड़कियों ने बताया था कि गिरोह के लोग प्रेम प्रसंग में फंसाकर उन्हें परिवार से दूर कर देते थे। फिर उन्हें जबरन वेश्यावृत्ति करवाते हैं।
अलग से सैल बनानी चाहिए
इन दिनों वेश्यावृत्ति का धंधा बहुत बढ़ रहा है। लोग विज्ञापन तक दे रहे हैं। थाना पुलिस एक दूसरे के इलाके को देखते हुए कार्रवाई करने से बचती हैं। जबकि कई बार लालच में भी कार्रवाई नहीं की जाती है। जबकि कमिश्ररेट की क्राइम ब्रांच को इसके लिए अलग से एक सैल बनानी चाहिए, जो इस तरह के मामलों को पर ही नजर रखे और सूचना मिलने पर उन पर सख्ती से कार्रवाई कर सके।
इन दिनों वेश्यावृत्ति का धंधा बहुत बढ़ रहा है। लोग विज्ञापन तक दे रहे हैं। थाना पुलिस एक दूसरे के इलाके को देखते हुए कार्रवाई करने से बचती हैं। जबकि कई बार लालच में भी कार्रवाई नहीं की जाती है। जबकि कमिश्ररेट की क्राइम ब्रांच को इसके लिए अलग से एक सैल बनानी चाहिए, जो इस तरह के मामलों को पर ही नजर रखे और सूचना मिलने पर उन पर सख्ती से कार्रवाई कर सके।
राजेन्द्र सिंह शेखावत, रिटायर्ड पुलिस अधिकारी