जानकारी के मुताबिक मोबाइल एप के जरिए मतदाता के मकान की लोकेशन लेने में परेशानी आने के साथ ही डेटा फीडिंग में भी मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है। नेट उपलब्ध नहीं होने की स्थिति में ऑफ लाइन काम करने के लिए कहा जा रहा है। लेकिन ऑफलाइन फीड किए जाने वाला डेटा ही मोबाइल एप में सेव ही नहीं हो रहा। फिर ऑफलाइन काम करने के दौरान मतदाता के मकान की लोकेशन भी गूगल मैप पर दर्ज नहीं की जा सकती।
उड रहा डेटा ऑनलाइन काम करने के दौरान नेट के अचानक बंद होने पर फीड किया गया काम डेटा ही उड़ रहा है। इसके अलावा फार्म में भरे जाने वाले कई ऑप्शन अभी मोबाइल एप पर नहीं होने से उन्हें भरने को लेकर बीएलओ दिनभर उच्चाधिकारियों को फोन कर जानकारी जुटा रहे हैं। लेकिन जिलों में बैठे अधिकारी भी उनकी इस समस्या का समाधान नहीं कर पा रहे।
30 फीसदी बीएलओ के पास एण्ड्रायड मोबाइल ही नहीं
वोटर लिस्ट को तैयार करने में जुटे राज्य के 51 हजार से ज्यादा बीएलओ में से करीब 30 फीसदी के पास तो एण्ड्रॉयड फोन ही नहीं हैं। ऐसे में ये बीएलओ पुरानी प्रक्रिया के तहत ही कागजों में जानकारी लाने के बाद कार्यालय में सीधे ईआरओनेट पर दर्ज करा रहे हैं। जिससे विभाग का नई मतदाता सूची तैयार करने का उद्देश्य ही हल नहीं हो रहा। कई कर्मचारी ऐसे भी हैं, जिनके पास एण्ड्रॉयड मोबाइल है, लेकिन चलाना नहीं आ रहा।