इंडिया जकात डॉट कॉम के राजस्थान के कोर्डिनेटर फैयाज अहमद अंसारी ने बताया कि इंडिया जकात डॉट की स्थापना दो साल पहले कोरोना काल के दौरान की गई थी। इसका मकसद यह था कि लोग आसानी से ऑनलाइन अपनी जकात अदा कर सकें। इस क्राउड फंडिंग वेबसाइट ने जकात देने वाले और जकात लेने वालों को जोडऩे का काम किया है। एसोसिएशन ऑफ मुस्लिम प्रोफेशनल्स की निगरानी में चलने वाली इस क्राउड फंडिंग वेबसाइट पर अधिक मामले शिक्षा और रोजगार से जुड़े हैं। महत्वपूर्ण बात यह है कि यहां जकात अदा करने वाले लोगों में ज्यादातदर लोग शिक्षा और रोजगार के जरूरतमंदों को अधिक जकात देते हैं।
एसोसिएशन ऑफ मुस्लिम प्रोफेशनल्स के जयपुर चैप्टर के अध्यक्ष मकबूल अली नकवी ने बताया कि कोई भी जकात का हकदार यहां आकर अपनी जरूरत रख सकता है। इसकी जरूरत को वेबसाइट पर शुरू करने से पहले यह पड़ताल की जाती है कि क्या वह वाकई जकात लेने का हकदार है। राजस्थान से जुड़े कई जरूरतमंदों ने भी इस वेबसाइट के जरिए मदद हासिल की है।
दिलचस्प बात यह है कि इस क्राउड फंडिंग वेबसाइट के जरिए फंड जुटाकर बाड़मेर जिले के ग्रामीण इलाकों में लगभग आधा दर्जन कुएं खुदवाए गए और आधा दर्जन बेघर लोगों के लिए मकान बनाए गए।
आंकडों पर नजर डालें तो पिछले दो सालों में इस क्राउड फंडिंग वेबसाइट के जरिए लगभग नौ करोड़ रुपए का फंड जुटाकर लगभग 16 हजार लोगों को मदद दी गई है। मदद पाने वालों में लगभग साढ़े चार हजार अनाथ और दो हजार महिलाएं शामिल हैं। इस क्राउड फंडिंग वेबसाइट पर पिछले दो सालों के दौरान लगभग 29 हजार लोगों ने जकात अदा की है। जकात लेने वालों में यहां अनाथ, विधवा, गरीब आदि ऐसे व्यक्ति हैं जो अपनी शिक्षा, रोजगार, इलाज, शादी, व्यावसायिक कोर्स के लिए मदद मांगते हैं।