जयपुरPublished: Dec 11, 2022 11:26:21 pm
Anand Mani Tripathi
केंंद्र सरकार के तकनीकी और पेशेवर पाठ्यक्रमों को मातृभाषाओं में पढ़ाने के दबाव के बावजूद राज्य में इस प्रयास को विद्यार्थियों से अपेक्षित सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिल रही है। नई शिक्षा नीति (एनइपी) में मातृभाषा मेंं पढ़ाई को प्रमुखता दी गई है। राज्य सरकार भी उच्च शिक्षा और पेशेवर पाठ्यक्रमों में कन्नड़ माध्यम को बढ़ावा देने की कोशिश कर रही है मगर कन्नड़ भाषा में अभियांत्रिकी की पढ़ाई को लेकर विद्यार्थियों में उत्साह नहीं दिख रहा है।
केंंद्र सरकार के तकनीकी और पेशेवर पाठ्यक्रमों को मातृभाषाओं में पढ़ाने के दबाव के बावजूद राज्य में इस प्रयास को विद्यार्थियों से अपेक्षित सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिल रही है। नई शिक्षा नीति (एनइपी) में मातृभाषा मेंं पढ़ाई को प्रमुखता दी गई है। राज्य सरकार भी उच्च शिक्षा और पेशेवर पाठ्यक्रमों में कन्नड़ माध्यम को बढ़ावा देने की कोशिश कर रही है मगर कन्नड़ भाषा में अभियांत्रिकी की पढ़ाई को लेकर विद्यार्थियों में उत्साह नहीं दिख रहा है। स्नातक इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए हाल ही में संपन्न सामान्य प्रवेश परीक्षा (यूजी-केसीइटी)-२०२२ के काउंसलिंग में एक सिर्फ एक विद्यार्थी ने ही कन्नड़ माध्यम से पढ़ाई का विकल्प चुना। इस साल इंजीनियरिंग के दो संकायों में कन्नड़ माध्यम से पढ़ाई के लिए ६६ सीटों उपलब्ध थी मगर ६५ सीटें रिक्त रह गई।