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गंभीर मरीज का बिना चीर-फाड़, बिना बेहोश किए बदला हार्ट वॉल्व

locationजयपुरPublished: Jun 29, 2020 09:50:47 am

Submitted by:

Avinash Bakolia

– टावर तकनीक से वॉल्व रिप्लेस कर बचाई मरीज की जान

डिजिटल के लिए...गंभीर मरीज का बिना चीर-फाड़, बिना बेहोश किए बदला हार्ट वॉल्व

डिजिटल के लिए…गंभीर मरीज का बिना चीर-फाड़, बिना बेहोश किए बदला हार्ट वॉल्व

जयपुर. अजमेर के रहने वाले 67 वर्षीय मूलचंद के लिए दिल के इलाज की नई तकनीक वरदान साबित हुई। 10 साल पहले बायपास सर्जरी करवाने के बाद उन्हें वापस हृदय में समस्या होने लगी। हाई रिस्क मरीज होने के कारण उनकी दोबारा सर्जरी संभव नहीं थी तो बिना चीर-फाड़ के टावर तकनीक (ट्रांस कैथेटर एओर्टिक वॉल्व रिप्लेसमेंट) से इलाज कर उनकी जान बचा ली गई।
हाई रिस्क थे मरीज –

शहर के इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. राम चितलांगिया ने बताया कि मरीज की 10 साल पहले बायपास सर्जरी हो चुकी थी। अब मरीज को फिर से छाती में दर्द, सांस फूलने की शिकायत होने लगी थी। जांच में सामने आया कि मरीज की महाधमनी (एओर्टिक वॉल्व) सिकुड़ गई है। इस वॉल्व को रिप्लेस करने के लिए आमतौर पर ओपन चेस्ट सर्जरी ही करवाई जाती है। लेकिन मरीज की हालत दोबारा ओपन चेस्ट सर्जरी से गुजरने की नहीं थी। उन्हें हाइपरटेंशन व कमजोर फेफड़ों की भी समस्या थी। ऐसे में उनकी वापस ओपन हार्ट सर्जरी होने पर जान को खतरा था इसीलिए उनका, टावर तकनीक द्वारा इलाज करने का निर्णय लिया गया। कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. प्रदीप सिंघल ने बताया कि करीब 50 मिनट के प्रोसीजर के दौरान मरीज को बिना बेहोश किये पैर की धमनी के रास्ते, टावर तकनीक के जरिये एओर्टिक वॉल्व बदला गया। इस प्रक्रिया में डॉ राव का तकनीकी सहयोग रहा। हॉस्पिटल के कार्डियक सर्जन डॉ.समीर शर्मा ने बताया कि मरीज की तेजी से रिकवरी हुई है और अब बिल्कुल स्वस्थ है और आराम से चल-फिर पा रहे हैं।
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