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दिल में जमा था कैल्शियम, जटिल एंजियोप्लास्टी से निकाला

locationजयपुरPublished: Jul 02, 2020 03:00:06 pm

Submitted by:

Avinash Bakolia

-कैल्सिफाइड ब्लॉकेज का शौक वेव लिथोट्रिप्सी एंड ओसीटी एंजियोप्लास्टी से इलाज – बिना बायपास सर्जरी के कर दिया ठीक

दिल में जमा था कैल्शियम, जटिल एंजियोप्लास्टी से निकाला

दिल में जमा था कैल्शियम, जटिल एंजियोप्लास्टी से निकाला

जयपुर. जयपुर के 70 वर्षीय राजेंद्र कुमार (परिवर्तित नाम) 2009 से हृदय रोग से जूझ रहे थे। जांच में दिखी उनकी आर्टरी में जमे जानलेवा कैल्शियम को शॉकवेव लिथोट्रिप्सी एंजियोप्लास्टी से हटा दिया एवं ओसीटी से सफलतापूर्वक एंजियोप्लास्टी की गई। डॉक्टर्स ने नई अत्याधुनिक तकनीक से उन्हें स्टेंट लगाकर नया जीवन दिया। शहर के इटरनल हॉस्पिटल में हुए इस केस में सीनियर इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. रवींद्र सिंह राव ने जटिल एंजियोप्लास्टी कर मरीज का सफल इलाज किया।
11 साल से थी समस्या-

सीनियर इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. रवींद्र सिंह राव ने बताया कि मरीज को पिछले 11 साल से हृदय में समस्या थी। उनके एलएडी मेन आर्टरी में कैल्सिफाइड ब्लॉकेज था। अब तक कैल्सिफाइड ब्लॉकेज वाली आर्टरी में स्टेंटिंग कर पाना बहुत मुश्किल होता था क्योंकि स्टेंटिंग होने के बाद भी वह फिर से बंद होने का या आर्टरी के फटने का खतरा रहता है। इसके लिए अब जांच की अत्याधुनिक तकनीक ऑप्टिकल कोहैरेंस टोमोग्राफी (ओसीटी) जांच आ गई है जिसमें ब्लॉकेज वाली कोरोनी आर्टरी को अंदर से देखा जा सकता है। इस जांच में आर्टरी को सोनोग्राफी की अपेक्षा 10 गुना अधिक रेज्यूलेशन से देखा जा सकता है। जांच में सामने आया कि मरीज की आर्टरी में 360 डिग्री में कैल्सिफाइड ब्लॉकेज था।
शॉक वेव थेरेपी से ब्लॉक आर्टरी में लगा स्टेंट-

मरीज की आर्टरी में कैल्सिफाइड ब्लॉकेज में स्टेंट नहीं जा पाने के कारण डॉक्टर्स ने शॉक वेव लिथोट्रिप्सी एंजियोप्लास्टी द्वारा स्टेंटिंग करने का निर्णय लिया। डॉ.राव ने बताया कि शॉक वेव लिथोट्रिप्सी एक सोनोग्राफिक तकनीक है। इसमें सोनोग्राफिक वेव से कैल्शियम को तोड़ा जाता है और स्टेंट डाला जाता है। इससे आर्टरी को कोई नुकसान नहीं होता है। मरीज की आर्टरी में नई तकनीक से ब्लॉकेज हटाया गया और एक स्टेंट लगाया गया। ओसीटी से पता लगा कि स्टेंट आर्टरी का हिस्सा बन गया है और अब मरीज सामान्य जीवन जी रहे हैं।
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