एडीजी अनिल पालीवाल ने बताया कि मूलत: मालपुरा निवासी विधि छात्र उपेन्द्र ठागरिया उर्फ शेरू और मूलत: भरतपुर निवासी इंजीनियर छात्र अंकुश सिंह उर्फ अक्की को शनिवार रात को गिरफ्तार किया गया। दोनों के पास से एक किलो 450 ग्राम चरस बरामद की गई। पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि हिमाचल प्रदेश के कसौल से चरस लेकर आए हैं।
पहले दिल्ली पहुंचे और वहां एक दिन होटल में ठहरकर बस से जयपुर आ रहे थे। उपेन्द्र करीब डेढ़ साल से जयपुर के कई कैफे, डिस्को सहित कई जगह चरस की सप्लाई कर रहा है। जबकि अंकुश ने राजापार्क क्षेत्र में चरस सप्लाई करना बताया है। आरोपी एक माह में डेढ़ से दो किलो चरस यहां लाकर सप्लाई करते थे। पूछताछ में उन्होंने बताया कि अभी तक वे पुलिस की पकड़ में नहीं आए थे। उनका रिकॉर्ड खंगाला जा रहा है।
पहले खुद लेते थे, फिर तस्करी में जुट गए एडीजी पालीवाल के मुताबिक, आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि पांच वर्ष पहले पढ़ाई के दौरान ही उन्हें नशे की लत लग गई थी। तस्कर छात्रों के जरिए ही ड्रग्स सप्लाई करते हैं। करीब डेढ़ दो साल से कमाई के लालच के चक्कर में खुद तस्करी करने लगे हैं। बड़ी संख्या में छात्र और युवाओं को नशे की लत है।
10 लाख रुपए किलो में बेचते पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि हिमाचल प्रदेश में बड़े तस्करों से 80 हजार से एक लाख रुपए किलो तक में चरस खरीदते हैं। बाद में इसे 8 से 10 लाख रुपए किलो तक में बेचते हैं। जबकि चरस में मिलावट भी कर देते हैं। उपेन्द्र के पिता इंडियन ऑयल में नौकरी करते हैं।