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ड्रग फ्री जयपुर की मुहिम में ‘टैंगो, योना और गोल्फ’ बने जयपुर पुलिस के साथी

locationजयपुरPublished: Feb 21, 2020 02:41:54 pm

Submitted by:

Devendra Sharma

– पहली बार जयपुर पुलिस ऑपरेशन क्लीन स्वीप में स्पेशल डॉग्स की लेगी मदद
 
– ड्रग फ्री जयपुर की दिशा में अहम फैसला, 3 से 4 वर्ष आयु के है तीनों डॉग्स
 
– रेलवे स्टेशन पर एडीसीपी विमल सिंह नेहरा, सीआई लखन खटाना एवं सदर थानाधिकारी राजेन्द्र सिंह गुरुवार शाम को डॉग के साथ पहुंचे। स्टेशन से निकलने वाले यात्रियों के सामान की डॉग ने सूंघकर पता लगाने की कोशिश की कि उसमें मादक पदार्थ तो नहीं। इस दौरान काफी संख्या में लोग एकत्र हो गए और डॉग के क्रियाकलापों को देखने लगे।
 

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जयपुर. ‘सोम्ब्रा’ यह नाम सुना होगा, यह उस डॉग का नाम है, जिसने कोलंबिया जैसे देश में ड्रग माफियाओं की कमर तोड़ी थी। उसके कारनामों की पूरी दूनिया में चर्चा रही है। तस्करों ने तो उसपर ईनाम तक घोषित कर दिया।
उसी की तर्ज पर अब जयपुर पुलिस भी ड्रग माफियाओं को पकडऩे में स्पेशल डॉग्स की मदद लेगी। ‘टैंगो, योना और गोल्फ’ यह वो नाम है, जो जल्द ही जयपुर को ड्रग फ्री बनाने में पुलिस की मदद करेंगे। बेंगलुरू के ‘द स्टैल्थ पॉव्स’ ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट से ट्रेनिंग ले चुके यह डॉग्स जयपुर पुलिस के साथ दिखेंगे। तीन अलग-अलग टीमों में यह अपने हैंडलर्स के साथ रहेंगे और मादक पदार्थों की सर्च एवं ट्रेकिंग में पुलिस की मदद करेंगे। गौरतलब है कि ऑपरेशन क्लीन स्वीप के तहत जयपुर पुलिस आयुक्त ने ड्रग फ्री जयपुर बनाने की मुहिम छेड़ रखी है। आयुक्तालय की सीएसटी इस दिशा में काम भी कर रही है। अभियान को अधिक प्रभावी बनाने के लिए अब डॉग्स की मदद ली जाएगी।
इसलिए पड़ी जरूरत

आमतौर पर शहर में गांजा व अन्य मादक पदार्थ ट्रेन व बस के जरिए आता है। मुखबिर की सूचना पर जब पुलिस कार्रवाई करती है तो उसे दिक्कतों का सामना करना पड़ता है कि उक्त बस व ट्रेन से उतने वाले सैकड़ों यात्रियों की जांच कैसे की जाए। इसके अलावा महिलाओं व पकड़े गए तस्करों के ठिकानों पर हर जगह तलाश कर पाना भी मुश्किल हो रहा था।
पहली बार दिखेंगे डॉग्स

ऑपरेशन क्लीन स्वीप के तहत शहर में पिछले पांच महीने में अवैध मादक पदार्थ के विरुद्ध 244 कार्रवाई की जा चुकी है। वहीं 298 तस्कर व विक्रेता गिरफ्तार किए जा चुके हैं। पुलिस आयुक्त ने बताया कि आमजन से काफी सूचनाएं मिलती है अवैध मादक पदार्थ बिक रहा है। इसलिए अभियान को निरंतर जारी रखा जाएगा और टीम को मजबूती देने के लिए डॉग्स की मदद ली जाएगी। ऐसा पहली बार होगा कि जयपुर पुलिस ड्रग व अवैध मादक पदार्थ के विरुद्ध कार्रवाई में डॉग्स की मदद लेगी। तीनों डॉग्स बेल्जियम शैफर्ड नस्ल के हैं। करीब आठ महीने की इन्हें बेंगलुरू में मादक पदार्थ को सूंघने और खोज निकालने की ट्रेनिंग दिलाई गई है।
यह कठिनाइ आ रही थी सामने

– ट्रेन व बस से उतरने वाले सैकड़ों यात्रियों व लगेज की चैकिंग संभव नहीं

– महिलाओं की संलिप्ता काफी सामने आई, लेकिन उनकी तलाशी सरसरी तौर ही हो पाती थी
– पुलिस के डर से तस्कर खुद के पास बहुत कम मात्रा में मादक पदार्थ रखने लगे हैं, छुपे हुए माल को पकड़ पाना मुश्किल हो रहा था

– दुकानों, थडिय़ों की तलाशी न के बराबर हो पा रही थी
– व्यक्तिगत जांच से यातायात जाम व आमजन की परेशानी को भी परेशानी होती थी, वक्त भी ज्यादा लगता था

– तस्करों के घर व अन्य ठिकानों पर तलाशी बहुत कम

अब ऐसे करेंगे काम
– स्कूल, कॉलेज व विवि के नजदीक स्थित चाय की थड़ी, पान की थड़ी, हॉस्टलों की यह डॉग्स ट्रेक करेंगे

– शहर, हाइवे व जयपुर में प्रवेश के रास्तों में स्थित होटल, रेस्त्रां, बार व वाहनों की ट्रेकिंग की जाएगी
– सूचना पर पुलिस अब निश्चिंत होकर जांच कर सकेंगी

– आमजन का पुलिस को लगातार सहयोग मिल रहा है और सूचनाओं के आधार पर कार्रवाई भी पुख्ता हो सकेगी

स्टैंड्स और टोल प्लाजा चिह्नित
सिंधी कैम्प, रेलवे स्टेशन, घाटगेट, ईदगाह, पंडित नवल किशोर मार्ग, चौमूं पुलिया, पुराना रामगढ़ मोड, चांदी की टकसाल, नारायण सिंह तिराहा, दुर्गापुरा, कुंभा मार्ग ऐसे स्थान चिह्नित किए गए हैं, जहां से बस के जरिए तस्करी करने वालों को ट्रेक किया जाएगा। इसके अलावा दौलतपुरा, टाटियावास, शिवदासपुरा, बस्सी और बगरू टोल प्लाजा पर भी तलाशी ली जाएगी। तीन डॉग्स के साथ अलग-अलग तीन टीमें रूट के अनुरूप कार्य करेंगी।
— जयपुर को ड्रग फ्री बनाने की दिशा में जरूरी निर्णय लिया है। तीनों ही डॉग्स स्पेशल है और इनकी ट्रेनिंग खास है। इनकी मदद से ड्रग माफियों पर प्रभावी कार्रवाई हो सकेगी।

– आनंद श्रीवास्तव, पुलिस आयुक्त जयपुर
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