केस-1: फूट-फूटकर रोने लगा पिता पुलिस गोपालपुरा पुलिया के पास कार्रवाई में जुटी थी, तभी वहां सीतापुरा औद्योगिक क्षेत्र स्थित इंजीनियरिंग कॉलेज का छात्र गांजा खरीदते पकड़ा गया। बिहार निवासी छात्र के पिता के मोबाइल नंबर लेकर पुलिस ने संपर्क किया। तब पिता फोन पर ही रोने लगा। एडिशनल पुलिस कमिश्नर अशोक गुप्ता ने बताया कि छात्र का पिता फोन पर बोला, मैंने तो बेटे को इंजीनियर बनाने के लिए पढऩे भेजा था और बेटा वहां पर नशे की लत में लग गया। पुलिस ने पिता को ढांढस बंधाया।
केस-2: नशे में थी युवती, हंगामा किया जयपुर कमिश्नरेट पुलिस की नशा तस्करों के खिलाफ कार्रवाई के दौरान ही पुलिस को एक युवती भी मिली। वे भी नशा खरीदने पहुंची थी। वह पहले से नशे में थी। पुलिस कार्रवाई को देख हंगामा करने लगी। तब उसे शांतिभंग करने के मामले में गिरफ्तार किया।
केस-3: साधुवेश में बेच रहे थे नशा पुलिस ने कुछ दिन पहले चौखी ढाणी के पीछे श्रीराम का नांगल के रामप्रकाश बैरवा को मादक पदार्थ सप्लाई करने के मामले में पकड़ा। उसने खुद को साधु बताया। पुलिस ने रामप्रकाश पर नजर रखी। दो दिन पहले ही रामप्रकाश बेटे हनुमान के साथ टोंक से गांजा खरीदकर ला रहा था, तभी उसे पकड़ लिया। जबकि पिता-पुत्र की निशानदेही पर टोंक के दूनी निवासी जगदीशनारायण मीणा उर्फ सियाराम मीणा को गांजा तस्करी के मामले में पकड़ा। सियाराम के पास से गांजा भी बरामद किया गया। सियाराम पुलिस से बचने के लिए साधु के वेश में रहता था और गांजे की तस्करी करता था।
सभी थाना पुलिस को युवाओं के शरीर को खोखला करने वाले तस्करों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। कमिश्नरेट पुलिस ‘ऑपरेशन क्लीन स्वीप’ के तहत सौ से अधिक लोगों को मादक पदार्थ बेचने और तस्करी के मामले में गिरफ्तार कर चुकी है।
-आनंद श्रीवास्तव, जयपुर कमिश्नर