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महंगी बिजली पर मंत्री कल्ला के जवाब से असंतुष्ट विपक्ष का सदन से वॉकआउट

locationजयपुरPublished: Sep 14, 2021 06:58:09 pm

Submitted by:

firoz shaifi

सोमवार को स्थगन प्रस्ताव के जरिए विपक्ष ने महंगी बिजली के मुद्दे पर सरकार को घेरा था,मंगलवार को ऊर्जा मंत्री बीडी कल्ला ने सदन में सरकार की ओर से किया जवाब पेश

rajasthan vidhan sabha

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जयपुर। राजस्थान विधानसभा में मंगलवार को ऊर्जा मंत्री बीड़ी कल्ला के जवाब से असंतुष्ट विपक्षी विधायकों ने सदन से वॉकआउट किया। दरअसल सोमवार को नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया, उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़, जोगेश्वर गर्ग, मदन दिलावर सहित आठ विधायकों ने स्थगन प्रस्ताव के जरिए प्रदेश में महंगी बिजली और विद्युत उत्पादन संयंत्रों के ठप होने के मामले को लेकर सरकार को सरकार को घेरा था।

जिस पर मंगलवार को स्थगन प्रस्ताव के जरिए विपक्षी विधायकों की ओर से उठाए गए सवालों पर जवाब देते हुए ऊर्जा मंत्री डॉक्टर बी डी कल्ला तकरीबन 1 घंटे तक अपना वक्तव्य दे देते रहे, जिस पर नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि उन्होंने 40 साल के अपने राजनीतिक जीवन में ऐसा वक्तव्य कभी नहीं सुना ।

उन्होंने साफ कहा कि सरकार का विभाग सरकार को ही चुना लगा रहा है और उसका भार राजस्थान के उपभोक्ता पर पड़ रहा है। उन्होंने मांग की कि सरकार यह बताए कि ऐसे विभागों को किस प्रकार ठीक किया जाएगा। इस पर डॉक्टर बी डी कल्ला कुछ बोलने लगे तो सभापति राजेंद्र पारीक ने हस्तक्षेप करते हुए कहा कि यह मामला बेहद गंभीर है इस पर चर्चा इसलिए हुई है कि दोनों तरफ के सुझाव आए और जनता को राहत मिले।

मंत्री के जवाब से संतुष्ट विपक्षी विधायकों ने पर सदन से वॉकआउट कर दिया। इससे पहले सदन में सरकार की ओर से जवाब देते हुए ऊर्जा मंत्री डॉक्टर बी डी कल्ला ने बिंदुवार सवालों के जवाब देते हुए विपक्ष को घेरते हुए कहा कि हम किसानों के लिए काम कर रहे हैं और हमारी सरकार धरातल पर काम कर रही है।

यही वजह है कि सरकार बनते ही मुख्यमंत्री ने घोषणा की थी किसानों को दी जाने वाली बिजली की दरों में कोई बढ़ोतरी नहीं होगी लेकिन विद्युत विनियामक आयोग की सिफारिश पर दरें बढ़ाई गई हैं लेकिन उन दरों को राज्य सरकार वहन कर रही हैं।

कल्ला ने दावा किया कि ढाई साल में 2 लाख 19 हजार 779 कनेक्शन किसानों को बिजली के दिए गए हैं। कोयले की कमी को लेकर कल्ला ने कहा कि यह बात सही है कि राजस्थान में कोयले की कमी है। विद्युत उत्पादन अगस्त माह में बंद हुआ है।

उन्होंने कहा कि जिस कॉल इंडिया से कोयले की आपूर्ति होती है उसका संचालन केंद्र सरकार के द्वारा किया जाता है। उन्होंने कहा कि राजस्थान ही नहीं, बल्कि उत्तर भारत में भी बिजली उत्पादन संयंत्र कोयले की कमी के चलते बंद रहे, इसमें एनटीपीसी भी शामिल है।

ऊर्जा मंत्री ने कहा कि केंद्र में भाजपा की सरकार है और राजस्थान ने भाजपा को 25 सांसद दिए हैं। ऐसे में नेता प्रतिपक्ष और 25 सांसदों की जिम्मेदारी बनती है कि वह केंद्र सरकार से मांग करें कि वह राजस्थान को पर्याप्त कोयले की आपूर्ति करें जिससे कि बिजली का उत्पादन सुचारू हो सके। कल्ला ने यह भी कहा कि कोयला कंपनियों को नियमित रूप से भुगतान किया जा रहा है।

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