जयपुर

सेवानिवृत्त मृत प्रयोगशाला सहायक की पत्नी को 15 दिन में ब्याज सहित पेंशन परिलाभ देने के आदेश

उच्च न्यायालय ने शिक्षा विभाग पर लगाया एक लाख रुपए जुर्माना
 

जयपुरFeb 25, 2020 / 06:40 pm

Ankit

Court convicts accused of misconduct in Singrauli

जयपुर।
सेवानिवृत्त मृतक प्रयोगशाला सहायक की पत्नी को पेंशन परिलाभ देने में देरी पर राजस्थान उच्च न्यायालय ने नाराजगी जाहिर की। न्यायालय ने पेंशन सहित अन्य परिलाभ देने में देरी पर शिक्षा विभाग पर एक लाख रुपए का जुर्माना लगाया है। जिसकी वसूली पेंशन परिलाभ देने में देरी करने वाले जिम्मेदार अफसरों से होगी। न्यायालय ने याचिकाकर्ता को 15 दिन में सभी पेंशन परिलाभ 9 प्रतिशत ब्याज सहित देने के आदेश दिए हैं।
गोमादेवी ने याचिका दायर कर कहा कि उसके पति शिक्षा विभाग में प्रयोगशाला सहायक पद से 2006 में सेवानिवृत्त हुए। लेकिन उनकी जन्मतिथि के दस्तावेजों में गड़बड़ी बताकर शिक्षा विभाग ने उन्हें अस्थाई पेंशन ही दी। करीबन दस साल में भी विवाद जन्मतिथि के विवाद पर फैसला नहीं कर सका। इसी बीच 2016 में उसके पति की मौत हो गई। जिसके बाद पारिवारिक पेंशन के लिए शिक्षा विभाग में प्रार्थना पत्र दिया लेकिन विभाग ने फिर से जन्मतिथि के दस्तावेज मांगे। तीन साल तक वह शिक्षा विभाग में पारिवारिक पेंशन के लिए चक्कर लगा रही है हर एक अधिकारी के पास जाने के बाद भी पेंशन नहीं दी जा रही है। जिसकी वजह से उसे उच्च न्यायालय में आना पड़ा है। मामले की सुनवाई करते हुए न्यायाधीश एसपी शर्मा ने शिक्षा विभाग के रवैये पर नाराजगी जाहिर की। न्यायालय ने याचिकाकर्ता गोमादेवी को सभी पेंशन परिलाभ 15 दिन में देने के आदेश दिए। साथ ही विभाग पर पेंशन परिलाभ देने में हुई देरी पर एक लाख रुपए जुर्माना भी लगाया।
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