महज एक साल में देश के 680 लोग इस वैदिक पेंट को बनाने की ट्रेनिंग जयपुर स्थित कुमारप्पा राष्ट्रीय हाथ कागज संस्थान से ले चुके हैं। संस्थान की ओर से तैयार किया गया यह पेन्ट राष्ट्रीय और अन्तरराष्ट्रीय मानकों के अनुरुप है। इस पेन्ट की थिकनेस, स्मूथनेस, और ब्रश पर चलने जैसे तमाम मापदंडों के लिए राष्ट्रीय स्तर की सरकारी व प्रतिष्ठित निजी लैब में इसका परीक्षण कराया जा चुका है। जहां यह पेन्ट सभी मानकों पर खरा उतरा है।
खादी व ग्रामोद्योग आयोग राज्य निदेशक बद्रीलाल मीणा ने बताया कि जयपुर स्थित ट्रेनिंग सेंटर से सीखकर जाने के बाद देश में अभी 18 यूनिट लगाई जा रही हैं। इसके तहत डीलरशिप का आवंटन भी कर दिया है। निदेशक मीणा ने बताया कि अभी त्योहारी सीजन को देखते हुए 30 प्रतिशत का ट्रेड डिस्काउंट दिया है। इसके अलावा आजादी के अमृत महोत्सव के तहत खादी के आउटलेट पर 10 प्रतिशत की छूट के साथ इस पेंट की सेल हो रही है। उन्होंने बताया कि आयोग का उददृेश है कि हर गांव तक रोजगार पहुंचे और हर गौशाला को आर्थिक संबंल मिल सके। प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के तहत फीसदी की सब्सिडी का प्रावधान है।
कुमारप्पा राष्ट्रीय हाथ कागज संस्थान देश का एक मात्र प्रशिक्षण केंद्र हैं जहां कोरोना गाइडलाइंस का पालन करते हुए गोबर के वैदिक पेंट बनाने और उसकी ईकाई लगाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा हैं। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता हैं कि यहां ट्रेनिंग के लिए नंबवर तक के बैच की सीटें भर चुकी हैं।