संगठन के पदाधिकारियों का नहीं हुआ सत्ता में भागीदारी का रास्ता बंदः माकन
-प्रदेश कांग्रेस की पहली बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में बोले अजय माकन, जिलाध्यक्षों, ब्लॉक अध्यक्षों और जिला स्तरीय राजनीतिक नियुक्तियों में रहेगा पदाधिकारियों का दखल, 15 जनवरी को राजभवन का घेराव और धरना प्रदर्शन करेगी प्रदेश कांग्रेस, पदाधिकारियों को प्रभार वाले जिलों में जाने के निर्देश

जयपुर। प्रदेश कांग्रेस की नवगठित कार्यकारिणी में शामिल पदाधिकारियों के लिए राजनीतिक नियुक्तियों और मंत्रिमंडल विस्तार से बाहर होने की चल रही चर्चाोओं पर विराम लगाते हुए प्रदेश प्रभारी अजय माकन ने साफ संकेत दिए हैं कि कार्यकारिणी में शामिल विधायकों और नेताओं के लिए सत्ता में भागीदारी के रास्ते बंद नहीं हुए हैं।
अजय माकन ने आज प्रदेश कांग्रेस के नवगठित कार्यकारिणी की बैठक लेने के बाद मीडिया से बातचीत में कहा कि संगठन पदाधिकारी बनने का यह मतलब नहीं निकालें की सरकार में जिम्मेदारी नहीं मिल सकतीं या फिर उनके लिए दरवाजे बंद हो गए हैं।
संगठन के लोगों को तो जिलाध्यक्ष, ब्ल़ॉक अध्यक्ष और जिला स्तर पर होने वाली राजनीतिक नियुक्तियों में के नाम तय करने की जिम्मेदारी दी गई है। प्रदेश प्रभारी माकन ने कहा कि कार्यकारिणी की पहली बैठक में पदाधिकारियों को तत्काल अपने प्रभार वाले जिलों में जाने के निर्देश दिए हैं, निकाय चुनाव के लिए बैठकें कर स्थानीय नेताओं से राय मशवरा कर पैनल तैयार किए जाएंगे। उसके बाद पदाधिकारियों को 2 से 3 सप्ताह में जिलाध्यक्षों और ब्लॉक अध्यक्षों का पैनल बनाकर देना है, जिला लेवल पर 30 हजार राजनितिक नियुक्ति बाकी हैं, उन राजनीतिक नियुक्तियों के लिए नाम भी पदाधिकारियों को देने हैं।
15 जनवरी को जयपुर में बड़ा प्रदर्शन
प्रदेश प्रभारी अजय माकन ने कहा कि पेट्रोल डीजल की दरों में लगातार वृद्धि और कृषि कानूनों के विरोध में 15 जनवरी को जयपुर में प्रदेश कांग्रेस की ओर से बड़ा प्रदर्शन किया जाएगा, जिसके तहत राजभवन का घेराव भी किया जाएगा। जयपुर और आसपास के ज़िलों से भी कार्यकर्ताओं और नेताओं को इस प्रदर्शन में शामिल किया जाएगा।
आंदोलनरत किसानों पर भाजपा नेता मदन दिलावर के बयान पर माकन ने कहा कि किसानों पर दिय़ा गया बयान बेहद शर्मनाक है, लेकिन हैरत की बात ये है कि भाजपा ने अभी तक अपने इस नेता पर कोई कार्रवाई नहीं की, जिससे साफ पता चलता है कि किसानों को लेकर भाजपा की सोच कैसी है।
इससे माकन ने प्रदेश पदाधिकारियों की बैठक में नेताओं को 90 निकाय चुनाव में बेहतर प्रदर्शन करने, कृषि कानूनों के विरोध में ग्रासरूट स्तर पर अभियान जारी रखने के निर्देश दिए। इसके अलावा संगठन पदाधिकारियों को सरकार की उपलब्धियों को जनता तक पहुंचाने, पीड़ित लोगों की सुनवाई कर उन्हें राहत दिलाने और पदाधिकारियों को लगातार प्रभार वाले जिलों में दौरा करने के निर्देश दिए।
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