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जयपुर

28 समितियों में 15 सीधे जनता से जुड़ीं…बैठकों के नाम पर अध्यक्षों ने की खानापूर्ति

ग्रेटर सरकार के मंत्रिमंडल (समिति अध्यक्ष) का ध्यान शहर की जनता पर कम है। 28 समितियों में से 15 समिति अध्यक्ष तो सीधे जनता से जुड़े हुए कामों के लिए हैं, लेकिन इसके बाद भी जनता की कोई नहीं सुन रहा। ये हाल तब है जब, समिति अध्यक्षों के लिए सुविधाओं की कोई कमी नहीं […]

जयपुरNov 19, 2024 / 01:45 pm

Amit Pareek

jaipur
ग्रेटर सरकार के मंत्रिमंडल (समिति अध्यक्ष) का ध्यान शहर की जनता पर कम है। 28 समितियों में से 15 समिति अध्यक्ष तो सीधे जनता से जुड़े हुए कामों के लिए हैं, लेकिन इसके बाद भी जनता की कोई नहीं सुन रहा। ये हाल तब है जब, समिति अध्यक्षों के लिए सुविधाओं की कोई कमी नहीं है। गैराज शाखा से गाड़ी मिलती है और मुख्यालय में दफ्तर है। पार्ट टाइम बाबू के साथ फुलटाइम चपरासी भी गेट के बाहर खड़ा रहता है। इतना ही नहीं, जो गाड़ी निगम देता है उसे अध्यक्ष हर माह 1500 किमी तक चला सकते हैं। निगम इस गाड़ी का 28 हजार रुपए हर माह भुगतान करता है। महापौर की अध्यक्षता में बनी कार्यकारिणी समिति की भी अब तक महज चार बैठकें ही हो पाई हैं।
इनकी बैठक सबसे ज्यादा

समिति बैठक संख्या

वित्त समिति: अध्यक्ष शील धाभाई हैं। 40

-दो करोड़ रुपए से अधिक के प्रस्ताव वित्त समिति की बैठक में पारित होते हैं।

भवन अनुज्ञा एवं संकर्म समिति: अध्यक्ष जितेंद्र श्रीमाली हैं। 18
-बिल्डिंग प्लान की स्वीकृति सहित अन्य काम है।

विद्युत समिति-सी:अध्यक्ष रश्मि सैनी हैं। 12

-एक से 50 वार्ड में लाइटों के रखरखाव से लेकर नई लाइटें लगवाने का काम है।

इनका बुरा हाल
-सफाई और विद्युत शाखा की तीन-तीन समितियां हैं। सफाई समिति-ए के रामकिशोर प्रजापत, बी के अभय पुरोहित और तीन के रामस्वरूप मीणा अध्यक्ष हैं। अब तक संयुक्त रूप से चार बैठक हुईं हैं। पांचवीं बैठक दो दिसम्बर को प्रस्तावित है।
-विद्युत शाखा को छोड़ दें तो बी की सुखप्रीत बंसल की अध्यक्षता में पांच और सी की हरीश शर्मा की अध्यक्षता में महज सात बैठकें ही हुई हैं।

यहां भी स्थिति ठीक नहीं
-उद्यान समिति: अध्यक्ष राखी राठौड़ हैं। अब तक आठ बैठकें ही हुई हैं।

-लाइसेंस समिति: अध्यक्ष रमेश सैनी हैं। अब तक सात बैठकें हुई हैं। पिछली बैठक तीन माह पहले हुई थी।

-फायर समिति: अध्यक्ष पारस जैन हैं। अबतक महज सात बैठकें ही कर सके हैं।
अब तक पांच भी नहीं

-गंदी बस्ती सुधार समिति: अध्यक्ष भारती लख्यानी हैं। इसकी चार बैठक हुई हैं।

-पशु नियंत्रण एवं संरक्षण: एक बैठक ही हो पाई है।

-नियम एवं उप विधि के अध्यक्ष पुनीत कर्णावट हैं। अब तक दो बैठक ही हुई हैं।
10 माह का हाल

राज्य सरकार की अनुमति के बाद सात समितियों ने काम शुरू किया। करीब 10 माह इन समितियों को हो चुके हैं। इनमें से नगरीय विकास कर समिति अध्यक्ष विकास बारेठ, सीवरेज संधारण समिति अध्यक्ष अक्षत खूंटेटा ने एक-एक बैठक की है। वहीं,
फुटकर व्यवसास पुनर्वास समिति की अध्यक्ष अरुण शर्मा ने दो बैठकें की हैं। वहीं, अतिक्रमण निरोधक समिति के अध्यक्ष लक्ष्मण लूनीवाल अब तक तीन बैठकें कर चुके हैं। अवैध भवन निर्माण निरोधक समिति के अध्यख नरेंद्र सिंह शेखावत भी अब तक एक बैठक करवा चुके हैं।
ये शून्य पर

-सामाजिक सहायक एवं लोक कल्याण समिति के अध्यक्ष गजेंद्र सिंह चिराणा, अपराधों का शमन एवं समझौता समिति के अध्यक्ष अजय सिंह चौहान और वर्षा जल एवं पुनर्भरण एवं संरक्षण समित के अध्यक्ष शंकर लाल शर्मा ने अब तक एक भी बैठक नहीं करवाई है।

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