जी हां, हम बात कर रहे हैं टिड्डी दलों के आक्रमण की।(Outbreak of locusts is increasing continuously in Pokaran region) ये टिड्डी दल जिस भी क्षेत्र में हमला करते हैं वहां की सारी फसल को चट कर जाते हैं।
इन दिनों इनका आक्रमण पोकरण क्षेत्र में देखने को मिल रहा है। करोड़ों की संख्या में टिड्डियों के दल ने पोकरण क्षेत्र में इस कदर पड़ाव डाला है कि गत तीन माह से यह थमने का नाम नहीं ले रहा है। टिड्डियों ने प्रशासन सहित टिड्डी नियंत्रण विभाग की नाक में दम कर दिया है, तो किसानों की चिंता बढ़ा रहा है।
गौरतलब है कि गत तीन माह से क्षेत्र में टिड्डियों का पड़ाव डाला हुआ है। सबसे पहले जून-जुलाई माह में रामदेवरा, सादा, लोहारकी, मावा व पोकरण फिल्ड फायरिंग रेंज में पाकिस्तान की तरफ से हवा के साथ बड़ी संख्या में टिड्डी दल पहुंचे। हालांकि टिड्डी नियंत्रण विभाग व कृषि विभाग की ओर से उनके नियंत्रण के प्रयास भी किए गए, लेकिन उसके एक माह बाद लाठी, डेलासर, सोढ़ाकोर, धोलिया, भादरिया, क्षेत्र में टिड्डी दलों ने पड़ाव डाला तथा करीब दो माह से नियंत्रण के प्रयास के बावजूद इस क्षेत्र में टिड्डी दल व फाका का आज भी प्रकोप देखने को मिल रहा है।
यहां खड़ी फसलों व वनस्पति को चौपट कर रहे है। बुधवार को भी खेतोलाई, पोकरण फिल्ड फायरिंग रेंज, रामदेवरा के आसपास, पोकरण के जोड़ क्षेत्र में, सेलवी के आसपास बड़ी संख्या में टिड्डी दल देखे गए। गत लम्बे समय से क्षेत्र में टिड्डी दल के जगह-जगह पड़ाव से खड़ी फसलें चौपट हो रही है तथा किसान इस वर्ष खरीफ की फसल, घास व वनस्पति को लेकर चिंतित है। टिड्डी नियंत्रण दल व कृषि विभाग की ओर से नियंत्रण को लेकर किए जा रहे प्रयास भी नाकाफी सिद्ध हो रहे है। यदि इसी तरह टिड्डी व फाका बढ़ता रहा, तो इस वर्ष बारिश के बावजूद किसानों के लिए फसल व पशुचारे को बचाना मुश्किल हो जाएगा।