जयपुर

पोते को डॉक्टर के दिखाकर आ रहे दादा-दादी की ओवरलोड बजरी के डंपर ने ली जान

गोपालपुरा बाईपास के नजदीक गंगा जमुना पेट्राल पंप से आगे पंडित टीएन मिश्र मार्ग कट पर हादसा, ओवरलोड बजरी से भरे डंपर के नीचे दबने से घायल दंपत्ति की मौत, विदेश में तैनात सैन्य अफसर बेटे के जयपुर लौटने के बाद होगा पोस्टमार्टम

जयपुरOct 11, 2021 / 09:54 pm

pushpendra shekhawat

जयपुर। ओवरलोड बजरी से भरे डंपर की चपेट में आए बुजुर्ग दंपत्ति की अस्पताल में मौत हो गई। वहीं हादसे में घायल दस वर्षीय बच्चे की स्थिति में अब सुधार है। बुजुर्ग दंपत्ति अपने पोते को डॉक्टर को दिखाकर लौट रहे थे। दंपत्ति का बेटा विदेश में सैन्य अभियान में नियुक्ति पर है ऐसे में उनके लौटने के बाद पोस्टमार्टम होगा। दुर्घटना के बाद डंंपर चालक फरार हो गया है वही डंपर को पुलिस ने जब्त कर लिया है। बजरी से भरा ओवर लोड डंपर के आबादी क्षेत्र में आने से पुलिस नाकाबंदी पर भी सवाल उठ रहे हैं।
गोपालपुरा बाईपास के नजदीक गंगा जमुना पेट्राल पंप से आगे पंडित टीएन मिश्र मार्ग कट पर रविवार देर रात करीब 11.30 बजे हादसा हुआ था। बजरी से भरा डंपर किसान धर्मकांटा, मानसरोवर की तरफ जा रहा था। जबकि कार श्याम नगर की तरफ से न्यू सांगानेर रोड की तरफ जा रही थी। तेज रफ्तार डंपर ने कार को टक्कर मारी। इसके बाद बेकाबू डंपर कार पर ही पलट गया। जिससे कार में सवार बुजुर्ग दंपती और उनका पोता अंदर ही दब गए।
राहगीरों की सूचना पर श्याम नगर, मानसरोवर, शिप्रापथ थाने की पुलिस मौके पर पहुंची। क्रेन को बुलवाया गया। तब मशक्कत के बाद डंपर को हटाकर कार में फंसे बुजुर्ग दंपती और उनके पोते को बाहर निकालकर अस्पताल पहुंचाया। हादसे में मानसरोवर पत्रकार कॉलोनी निवासी महेश चंद मुद्गल और उनकी पत्नी उषा मुद्गल की मौत हो गई। जबकि उनका पोता दर्श घायल हो गया। जिसकी स्थिति अब सामान्य बताई जा रही है।
डॉक्टर को दिखाकर लौट रहे थे

मृतक दंपत्ति के भतीजे ने बताया कि दर्श के बुखार था। जिसकी वजह से उसके दादा—दादी डॉक्टर को दिखाने गए थे। इसके बाद वापस लौटने के दौरान हादसा हुआ है। महेश मुद्गल सेवानिवृत्त शिक्षक है और उनका बेटा भारतीय सेना में अफसर है। इस वक्त सेना के मिशन में विदेश में नियुक्त है।
पुलिस पर उठे सवाल

बजरी से भरा ओवरलोड डंपर शहर की मुख्य सड़क पर दौड़ता रहा। लेकिन किसी भी जगह पर पुलिस ने उसको रोकने की कोशिश नहीं की। ऐसे पुलिस नाकाबंदी पर भी सवाल उठ रहे हैं।
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