यहां अस्पताल प्रशासन ने ऑक्सीजन की कमी बताकर मरीजों की छुट्टी कर दी। मरीजों का आरोप है कि शाम साढ़े चार बजे ऑक्सीजन बेड पर भर्ती आधा दर्जन मरीजों को दो घंटे में दूसरे अस्पताल में व्यवस्था करने के लिए कह दिया गया। इसका परिजनों ने विरोध किया तो अस्पताल प्रशासन ने ऑक्सीजन की कमी का हवाला दिया। करीब दो घंटे तक मरीजों के परिजन दूसरे अस्पतालों में जगह तलाशते रहे। ऐस बीच चार से पांच मरीजों की छुट्टी कर दी गई।
सूचना मिलते ही प्रशासन हरकत में आ गया। नोडल अधिकारी से लेकर प्रशासन से अधिकारी अस्पताल पहुंच गए। ऐसे में आनन—फानन में अस्पताल में ऑक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था कराई गई। करौली से इलाज कराने गए घनश्याम गुप्ता 15 दिन से आक्सीजन बेड पर भर्ती थे। बेटे उमेश ने बताया कि डॉक्टर ने साढ़े चार बजे डिस्चार्ज करने के लिए कहा। लेकिन किसी अस्पताल में व्यवस्था नहीं हुई तो वापस घर लौट गए।
एजेंसी में आई तकनीकी खामी अस्पताल के नोडल अधिकारी आरके मीणा ने बताया कि अस्पताल में जिस एजेंसी से ऑक्सीजन सिलेंडर आते हैं। वहां पर तकनीकी खामी आ गई। ऐसे में सिलेंडर की सप्लाई रूक गई। इस बीच अस्पताल प्रशासन ने किल्लत को देखते हुए मरीजों को दूसरी जगह व्यवस्था करने के लिए कह दिया। रात नौ बजे तक असपताल में 20 सिलेंडर पहुंचाए गए।
जयपुर एडीएम प्रथम इकबाल खान ने कहा कि ऑक्सीजन की किल्लत तो सभी जगह है। लेकिन कमी से मरीजों की जान पर बन आए, ऐसी स्थिति पैदा नहीं होने देंगे। अस्पताल को 20 सिलेंडर की व्यवस्था कर दी। इसके अलावा देर रात तक 23 सिलेंडर और पहुंचाए जा रहे हैं।