प्रदेश सचिव देवेन्द्र शास्त्री ने कहा है कि प्रदेश के सबसे बड़े कोविड सेंटर आरयूएचएस में ऑक्सीजन सप्लाई का प्रेशर कम होने से तीन मरीजों की मौत होना दुर्भाग्यपूर्ण है। यह स्थिति तो तब है कि जब यहां अव्यवस्थाओं की शिकायतों पर एक दिन पहले ही सीएस दौरा करके आए है। इससे पहले भी प्रदेश के कई सरकारी और निजी अस्पतालों में लापरवाही के चलते बड़ी संख्या में मरीजों की जानें जा चुकी है। इतना सब कुछ होने के बाद भी राज्य सरकार गंभीर नहीं है। कार्रवाई के नाम पर खानापूर्ति करके अपनी नाकामियों पर परदा डाल रही है। सरकार इस तरह की लापरवाही के लिए जिम्मेदार अस्पताल प्रबंधन एवं दोषी अधिकारियों के खिलाफ हत्या का मुकादमा दर्ज कर कार्रवाई करे।
ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं उन्होंने कहा कि ऑक्सीजन की देश में कोई कमी नहीं है। केंद्र सरकार ने आवंटन में जानबूझ कर भेदभाव किया गया। पीएम केयर फण्ड से खरीदे गए वेंटिलेटर्स की क्वालिटी भी सवालों के घेरे में है। कोरोना महामारी की रोकथाम के पुख्ता प्रबंध करने की बजाय केन्द्र और राज्य सरकार एक-दूसरे की टांग खिंचाई में लगी हुई है। दोनों पार्टियों के बीच चल रही राजनीतिक द्वेषता कोविड मरीजों के लिए जानलेवा साबित हो रही है। उन्होंने कहा कि इस संकट की घड़ी में राजस्थान बीजेपी अध्यक्ष सतीश पूनियां को चाहिए कि वो केंद्र से ऑक्सीजन, वेंटिलेटर्स और वैक्सीन की राजस्थान को दिलवाने में मदद करें।